अरकान - 122 122 122 122
किया जिसने दिल में ही घर धीरे-धीरे|
उसी ने रुलाया मगर धीरे –धीरे|
उमर मेरी गुजरी है यादों में जिनकी ,
हुई आज उनको खबर धीरे –धीरे |
जहाँ तक पहुचने की ख्वाहिश है मेरी,
यकीनन मैं पहुंचूंगा पर धीरे –धीरे|
बचपन में सरका जवानी में दौड़ा,
बुढापा गया अब ठहर धीरे-धीरे|
न शिकवा किसी से न है अब शिकायत,
भरा घाव मेरा मगर धीरे –धीरे|
मौलिक व…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on November 26, 2015 at 8:00pm — 4 Comments
अरकान - 2122 2122 2122 212
आप आये और मेरा दिन सुनहरा हो गया|
आपको देखा तो मेरा फूल चेहरा हो गया|
कुछ समय पहले तलक तो थी हरी यें वादियाँ ,
आपके जाते ही तो हर सिम्त सहरा हो गया|
क़त्ल का ए सिलसिला क्यों और आगे बढ़ गया,
जब से मेरे गाँव में कुछ सख्त पहरा हो गया |
लाख चीखो और चिल्लाओ सुनेगा कौन अब,
हाय पत्थर दिल ज़माना आज बहरा हो गया|
जख्म तो बस जख्म था जो भर भी सकता था मगर…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on November 20, 2015 at 10:00pm — 1 Comment
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुझको याद किया|
भूल गई मैं सारे जग को, फिर भी तेरा नाम लिया|
यादों में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही गुजार दिया,
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुझको याद किया|
देख के तेरी भोली सूरत हम भी धोखा खा ही गए,
मोहन तेरी मीठी-मीठी बातों में हम आ ही गए,
हार गए जीवन में सब फिर भी तेरा नाम लिया
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुझको याद किया|
करती हूँ कोशिश मैं मोहन याद हमेशा तुम आओ,
रह नही सकती…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on November 19, 2015 at 8:30pm — 2 Comments
अरकान - 122 122 122 122
नया कोई सपना सजाकर तो देखो|
परायों को अपना बनाकर तो देखो
लगेगी ए दुनिया तुम्हें खूबसूरत,
ज़रा दिल से नफ़रत भुलाकर तो देखो|
सफलता मिलेगी तुम्हें भी यकीनन,
कदम अपने तुम भी बढाकर तो देखो|
बहू-बेटियाँ क्यों न पर्दा करेगी,
हया उनको तुम भी सिखाकर तो देखो|
करोगे जहां को भी सूरज –सा रोशन,
तुम अपने को पहले तपाकर तो देखो|
बनेंगे…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on November 18, 2015 at 6:30pm — 9 Comments
अरकान- 1222 1222 1222 1222
सुनो सब गौर से वीरों मेरा पैगाम बाक़ी है|
न हारो हौसला अपना अभी तो लाम बाकी है|
मैं आकर मैकदे में अब बता कैसे रहूँ प्यासा,
पिला दे जह्र ही साक़ी अभी इक जाम बाक़ी है|
जमीं से तोड़कर रिश्ता बहुत आगे निकल आया,
मगर हालत कहते हैं अभी अंजाम बाकी है|
गए पकड़े वो सारे जो बहुत मासूम थे यारो,
सही कातिल का लेकिन इक सियासी नाम बाक़ी…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on November 17, 2015 at 12:00am — 4 Comments
अरकान - 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2 2
तेरे बिन घर वन लगता है बाकी सब कुछ अच्छा है|
तुझ बिन बेटे जी डरता है बाकी सब कुछ अच्छा है|
माँ तेरी बीमार पड़ी है गुमसुम बहना भी रहती,
भैया का भी हाल बुरा है बाकी सब कुछ अच्छा है|
दादी तेरी बुढिया हैं पर चूल्हा-चौका हैं करती,
कोई न उनका दुख हरता है बाकी सब कुछ अच्छा है|
दादा जी पूछा करते…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on November 13, 2015 at 6:00pm — 8 Comments
अरकान- 1222 1222 1222 1222
न जाने क्यों भला फिर आज उनकी याद आयी है|
न मिलने की कसम जिनसे हमेशा मैंने खाई है|
मुरव्वत से हैं बेगाने हया तक बेच खाई है,
छूटे गर पिंड ऐसों से इसी में ही भलाई है|
तुम्हारी याद हावी है मेरे दिल पर उसी दिन से,
हुई खुशियाँ मेरी रुखसत दुखों से ही सगाई है|
समझकर देवता पत्थर को घर में ला बिठाया है,
इमारत दिल की यूँ अफसोस क्यों मैंने सजाई है|
जो मारा पीठ पर…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on November 9, 2015 at 8:00pm — 1 Comment
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