हमने सुना है कि शिक्षक कि नजर में सभी बच्चे एक सामान होते है लेकिन इस कहानी को पढने के बाद शायद ये बात गलत ही साबित होती नजर आती है l
यह कहानी एक छोटे से गॉव कि है जहाँ एक विधालय में सभी जाति के बच्चे पढ़ते थे और हर एक कक्षा में लगभग ६०-८० बच्चे हुआ करते थे l उसमे रामू और उसके कुछ दोस्त जो निम्न जाति के थे, पढ़ते थे l इसी स्कुल में एक अध्यापक बाबु जो उच्च जाति से सम्बन्ध रखता था सदा निम्न जाति के बच्चो को हीन दृष्टि से देखता था और व्यव्हार से कंजूस व् लालची था l वह स्कूल में कम पढाई…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on December 11, 2012 at 11:20am — 5 Comments
कर्ण और राम दो मित्र थे l राम एक व्यापारी बन गया लेकिन कर्ण अभी भी बेरोजगार था जिसकी वजह से उसकी घर की हालत ठीक नहीं थी l समय समय पर राम भी अपने मित्र की मदद कर देता था कुछ समय तक ऐसे ही चलता रहा l और एक दिन कर्ण को एक अच्छी नौकरी मिल गई जिस कारण घर में किसी वस्तु की कमी नही रह गई थी और धीरे धीरे धन की समस्या भी समाप्त होने लगी थी l इस कारण अब वह अपनी जिंदगी सही से और शांति की जिन्दगी जी रहा था l व्यापार मैं व्यस्त होने की वजह से राम और कर्ण एक दुसरे से मिल नहीं पाए…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on December 5, 2012 at 5:01pm — 7 Comments
चारो ओर, खड़े है सैनिक
युद्ध में जीत दिलाने को
शोक करुणा से, अभिभूत है अर्जुन
देख, रक्त सम्बन्धी रिश्तेदारों को
खड़े हुए है अब कृष्णा
उसे शोक से मुक्त कराने को
देहान्तरं की प्रक्रिया कैसी
संक्षेप में ये समझाने को
अजर अमर है जीवात्मा
स्मरण रखना इस ज्ञान को
खड़ा हो जा धनुष उठा
अपना धर्म निभाने को
मरे हुओ को मार डालना
जग में नाम कराने को
अपने पराये से मुहँ मोड़ लो
पाप पुण्य की चिंता…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on December 3, 2012 at 5:42pm — 3 Comments
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