बह्र : २१२२ २१२२ २१२
प्यार की धुन को बजाता जायगा
राज़ जीवन का सुनाता जायगा |
पल दो पल की जिंदगी होगी यहाँ
दोस्ती सबसे निभाता जायगा |
बाँटता जाएगा मोहब्बत सदा
दोस्त दुश्मन को बनाता जायगा |
पेट खुद का चाहे हो खाली मगर
खाना भूखों को खिलाता जायगा |
ले धनी का साथ अपनी राह में
मुफलिसों को भी मिलाता जायगा |
छोड़ नफरत द्वेष हिंसा औ घृणा
प्रेम मोहब्बत सिखाता जायगा…
ContinueAdded by Kalipad Prasad Mandal on December 25, 2016 at 8:00pm — 14 Comments
काफिया :ओं ; रदीफ़: ने ले लिया
बह्र: २२१ २१२१ १२२१ २१२
बन्दे का काम घेर, उसूलों ने ले लिया
है गलतियाँ रहस्य, बहानों ने ले लिया |१
वो बात जो थी कैद तेरे दिल के जेल में
आज़ाद करना काम अदाओं ने ले लिया |२
चुपके से निकले घर से, सनम ने बताया था
वो जिंदगी का राज़ निशानों ने ले लिया |३
धरती को चाँदनी ने बनायीं मनोरमा
विश्वास नेकनाम सितारों ने ले लिया |४
मिलता है सुब्ह शाम समय रिक्त अब…
ContinueAdded by Kalipad Prasad Mandal on December 17, 2016 at 8:00pm — 4 Comments
काफिया: अल ;रदीफ़ :गया
बह्र : २२ २२ २२ २२ २२
नव यौवन चंचल चितवन फिसल गया
यौवन की धूप खिली मन पिघल गया |
तेरे नैनों ने किया इशारा कुछ
निश्छल मृदु दिल तो मेरा मचल गया |
मखमल सी आवाज़ की तारीफ करूँ
कर्ण प्रवेश से पत्थर दिल पिघल गया |
हम कैसे कह दे के तू बेवफ़ा है
तेरा गफलत ही प्यार को कुचल गया |
आक्रोश भरा रूप कभी न दिखाओ
देख रौद्र रूप मेरा दिल दहल गया |
है…
ContinueAdded by Kalipad Prasad Mandal on December 10, 2016 at 10:30pm — 8 Comments
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