बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’
अरकान – 1222 1222 1222 1222
लबों पर रख हँसी हरदम अगर को भुलाना है|
दिखा मत दर्दे-दिल अपना बहुत ज़ालिम ज़माना है|
तेरा गम तेरा अपना है न जग समझा न समझेगा,
तू अपने पास रख इसको कि ये तेरा ख़जाना है|
नजूमी हाथ की रेखाएं पढ़कर मुझसे यूँ बोला,
पुजारी है तू किस्मत का कि दिल तेरा दिवाना है|
कभी मायूस मत होना भले कुटिया में रहना हो,
बचाती धूप से तुझको वो तेरा आशियाना…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 23, 2015 at 6:29pm — 4 Comments
बैजनाथ शर्मा 'मिंट'
अरकान - 122 122 122 122
गमख्वार समझा था मक्कार निकला|
जो दिखता था सज्जन गुनहगार निकला|
जिसे…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 17, 2015 at 11:41pm — 9 Comments
बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’
अरकान - 212 212 212 212
हो के मुझसे तू ऐसे खफ़ा ज़िन्दगी |
जा बसी है कहाँ तू बता ज़िन्दगी|
जग को ठुकरा दिया मैंने तेरे लिए,
कर न पायी तू मुझसे वफ़ा ज़िन्दगी|
तेरी सूरत ही थी मेरा दर्पण सदा,
तू मिले फिर सजूँ इक दफा ज़िन्दगी|
तू हंसाती भी है और रुलाती भी है,
तू दिखाती है क्या क्या अदा ज़िन्दगी|
पहले इतना बता क्या है मेरी ख़ता,
फिर जो चाहे तू देना सज़ा…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 9, 2015 at 10:33pm — 2 Comments
अरकान -1222 1222 1222 1222
मुझे सच को कभी भी झूठ बतलाना नहीं आता|
तभी तो मेरे घर भी यार नज़राना नही आता|
अगर तुम प्यार से कह दो लुटा दूँ जान भी अपनी,…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 2, 2015 at 11:30pm — 14 Comments
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