तुझे पाना ही बस मेरी चाह नहीं,
बदन मिल जाना ही इश्क़ की राह नहीं।
जिस्म का क्या है, मिट्टी में मिल जाएगा,
हाँ, मगर रूह को कोई परवाह नहीं।
लबों ने लबों को तो बाद में छुआ,
पहले तू रूह से हमारा हुआ।…
ContinueAdded by AMAN SINHA on November 10, 2024 at 7:59am — No Comments
एक ही सत्य है, "मैं"
एक ही सत्य है, "मैं"
श्वेत हूँ मैं ,
और श्याम भी मैंं ।
मैं ही क्रोध हूँ,
और काम भी मैं।
उस ईश्वर का
मैं रूप नहीं,
स्वयं ईश्वर हूँ,
मैं दूत नहीं।
एक ही सत्य है, "मैं"
कर्म भी मैं हूँ,
और फल भी मैं,
धर्म भी मैं,
और अधर्म भी मैं।
कर्ता भी मैं,
और कांड भी मैं,
विपत्ति भी मैं,
और समाधान भी मैं।
तुम जितना
मुझमें समाओगे,
उतना ही
मुझको…
Added by AMAN SINHA on November 2, 2024 at 5:56am — No Comments
बस बहुत हुआ, अब जाने दो, साँस जरा तो आने दो,
घुटन भरे इस कमरे में, जरा धूप तो छट कर आने दो,
बस बहुत हुआ, अब जाने दो।
बहुत सुनी कटाक्ष तेरी, बात-बात पर दुत्कार तेरी,
शूल के जैसे बोल तेरे, चुन-चुन कर मुझे हटाने दो।
खामोशी में है…
ContinueAdded by AMAN SINHA on August 4, 2024 at 4:10pm — No Comments
बात कुछ और सोची थी, बात कुछ और निकली है
मेरे दिलबर के दिल की कहानी कुछ और निकली है
बड़ी फुर्सत से उस रब ने करी थी कारीगरी लेकिन
जो बन के है आई वो जवानी कुछ और निकली है
सुनाई थी जो तुमने ही कहानी, फिर से दोहरा दो
मेरे वीरान गुलिस्तां में डाली फूलों की लहरा दो
तेरे आने से जो खुशबू हवा में घुल सी जाती थी
तू है अब भी वही, लेकिन वो खुशबू कुछ और निकली है
खनक थी चूड़ियों में जो, झनक थी पायलों में जो
बिना…
Added by AMAN SINHA on July 23, 2024 at 8:03pm — No Comments
रण भूमी में अस्त्र को त्यागे अर्जुन निःस्तब्ध सा खडा हुआ
बेसुध सा निःसहाय सा केशव के चरणों मे पडा हुआ
कहता था ना लड पायेगा, वार एक ना कर पायेगा
शत्रु का है भेष भले पर वो अपना है जो अडा हुआ
कैसे मैं उनपर प्रहार करूँ, जिनका मैं इतना सम्मान…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 23, 2024 at 5:57am — 1 Comment
काश कहीं ऐसा हो जाता,
मैं जगता तू सो जाता
मेरी हंसी तुझे मिल जाती
तेरे बदले मैं रो लेता
काश कहीं ऐसा हो जाता
तू चलता मैं थक जाता
पैर तेरे कभी ना रुकते…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 19, 2024 at 6:02am — 1 Comment
आ जा खेले आँख मिचौली, तू मेरा मैं तेरी हमजोली
बंद करूँ मैं आँखों को तू जाकर कहीं छूप जाए
पर देख मुझे तू सतना ना दूर कहीं छिप जाना ना
ऐसा न हो तू पुकारे मुझे, मैं दूर कहीं खो जाऊं
मैं आऊँ मैं आऊँ…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 16, 2024 at 6:16am — No Comments
आज गाँव से पाति आई,
माँ के चरणों की मिट्टी लायी
वैसे तो ये बस धूल है लेकिन,
इसमे अपनों की महक समाई
पाति में सबके हिस्से है,
सबके अपने-अपने किस्से है
कहीं प्रेम है, कहीं…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 8, 2024 at 11:09pm — No Comments
बात यहीं खत्म होती तो और बात थी
यहाँ तो हर बात में नई बात निकल आती है
यूँ लगता है जैसे कि ये कोई बरगद का पेड़ है
जहां से भी खोदो एक नई साख निकल आती है
उलझने ऐसी है कि कोई छोड़ मिलती ही नहीं
एक को खींचो तो संग मे दो चार चली…
ContinueAdded by AMAN SINHA on February 26, 2024 at 11:30am — No Comments
आ जा खेले आँख मिचौली, तू मेरा मैं तेरी हमजोली
बंद करूँ मैं आँखों को तू जाकर कहीं छूप जाए
पर देख मुझे तू सतना ना दूर कहीं छिप जाना ना
ऐसा न हो तू पुकारे मुझे, मैं दूर कहीं खो जाऊं
मैं आऊँ मैं आऊँ…
ContinueAdded by AMAN SINHA on January 6, 2024 at 11:14pm — 1 Comment
किसे बताए फिक्र किसे है, मेरे रहने की मर जाने की
किसे पड़ी यहाँ पर मेरी लिखी बात दोहराने की
मेरे खातिर यहाँ भले क्यूँ अपने आँसू बर्बाद करे
किसको इतनी मोहब्बत मुझसे जो समय अपना बेकार करे
सब अपने है बस अपने हैं, अपने बनकर रह जाएंगे …
ContinueAdded by AMAN SINHA on December 30, 2023 at 11:01am — No Comments
दोनों में से क्या तुम्हें चाहिए सुख या के संतोष
क्षणभंगुर सा हर्ष चाहिए, या जीवन भर का रोष
खुशी का जीवन लम्हो सा है, अब आए अब जाए
छोटी सी उदासी मन की पहाड़ हर्ष का ढाए
खुशी स्वभाव से चंचल पानी, कल कल बहता जाए
कभी…
ContinueAdded by AMAN SINHA on November 9, 2023 at 1:36pm — No Comments
किसे अपना कहें हम यहाँ
खंजर उसी ने मारी जिसको गले लगाया
किससे कहें हाल-ए-दिल यहाँ
हर राज उसी ने खोला जिसे हमराज़ बनाया
किसे जख्म दिखाये दिल का
हार घाव उसी ने कुरेदा जिसको भी मरहम लगाया …
ContinueAdded by AMAN SINHA on October 27, 2023 at 10:21pm — 2 Comments
सुनो,
एक बात कहानी है
गर गलत न समझो तो
तो कह कर हल्का हो लूँ
हाँ अगर तुम्हें भली ना लगे
तो कुछ ना कहना और चली जाना तुम
पर एक इल्तजा है सुन लो “ना” ना कहना…
ContinueAdded by AMAN SINHA on October 8, 2023 at 7:31am — No Comments
ना जइयो परदेस सजनवा, बिन तेरे हिया ना लगे रे
तोहरी राह तकते तकते हमरी, प्राण निकल ना जावे रे
जे तू हमरी सुध ना लेवे, ना हमारी पाती लौटावे रे
तोहरी क़सम हम तोहरी खातिर भूख प्यास भी त्यागे रे
ना जइयो परदेस सजनवा, बिन तेरे हिया ना लगे…
ContinueAdded by AMAN SINHA on September 9, 2023 at 11:57pm — No Comments
भोर होने को है देखो, छट रहा है अंधेरा
किस संशय ने तुमको अब भी रखा है घेरा
बढ़ा कदम दिखा ताक़त तू अपने बुलंद इरादो की
कौन सी है दीवार यहाँ जिसने तुझको रोखे रखा है
तू अगर चलेगा तो, मंज़िल भी तुझ तक आएगी
भला बता वो तुझसे…
ContinueAdded by AMAN SINHA on September 2, 2023 at 7:33pm — No Comments
फोन आया,
कई सालों के बाद
फिर उसका फोन आया
पहले जब
घंटी बजती थी,
दिल की धड़कन भी बढ़ती थी
लेकिन आज फोन बजा
तो धड़कन ने इशारा नहीं…
ContinueAdded by AMAN SINHA on August 19, 2023 at 9:00pm — 1 Comment
एक जनम मुझे और मिले मैं देश की सेवा कर पाऊं
दुध का ऋण उतारा अब तक, मिट्टी का ऋण भी चुका पाऊं
मुझको तुम बांधे ना रखना अपनी ममता के बंधन में
मैं उसका भी हिस्सा हूँ तुमने है जन्म लिया जिसमे
शादी बच्चे घर संसार, ये सब मेरे पग को बांधे है
लेकिन मुझसे मिट्टी मेरी बस एक बलिदान ही मांगे है
सब ही आंचल मे छुपे तो देश को कौन सम्हालेगा
सीमा पर शत्रु सेना से फिर कौन कहो लोहा लेगा
तुमने दुध पिलाया मुझको…
ContinueAdded by AMAN SINHA on August 15, 2023 at 1:30pm — No Comments
ठंडा है मीठा है थोड़ा सा गाढ़ा है
पर मेरे घर तक आता है नलके का पानी
जब भी दिल चाहे प्यास बुझाता है
ठंडक दे जाता है नलके का पानी
जब से घर आया है सबको लुभाया है
हिम्मत बढ़ाया है नलके का पानी…
ContinueAdded by AMAN SINHA on August 13, 2023 at 9:10am — No Comments
तुमको पढ़ा तुमको जाना तो ये समझ में आया है
कितनी बेकरारी को समेट कर तूने कोई एक शेर बनाया है
रईसी ऐसी की बस इशारों में मुआ हर काम हो जाए
फकीरी ऐसी की जो सब पाकर भी बेइंतजाम हो जाए
हमने सुने है किस्से तेरी बेरुखी की ज़िंदगी से
शोहरत पाकर भी कोई कैसे तुझसा बेनाम हो जाए
लिखा जो तूने कहा जो तूने कोई ना जान सका
तू सभी का है अभी पर तब तुझे कोई ना पहचान सका
आज नज़्में तेरी दासतां बताती है
कैसे…
ContinueAdded by AMAN SINHA on August 6, 2023 at 8:56pm — No Comments
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