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Rajkumar sahu's Blog (122)

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू -छग पुलिस के मुखिया बदले गए।

पहारू - गृहमंत्री से मनमुटाव का परिणाम लगता है।





2. समारू - मुंबई फिल दहल उठी है।

पहारू - कसाब जैसों को और पालो।





3. समारू - डा. चरणदास महंत केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री बन गए हैं।

पहारू - पता है, छग के भाजपा मंत्री की मंद-मद मुस्कान देखा।





4. समारू - पीएमटी के अलावा छग व्यापमं की सभी परीक्षा में गड़बड़झाले की खबर आ रही है।

पहारू - मोटी परत है, धीरे-धीरे खुलेगी ही।





5. समारू -… Continue

Added by rajkumar sahu on July 14, 2011 at 12:01am — No Comments

व्यंग्य - ले लीजिए स्वर्णकाल का आनंद

व्यंग्य - ले लीजिए स्वर्णकाल का आनंद यह बात सही है कि हर किसी की जिंदगी में कभी न कभी स्वर्णकाल आता ही है। उपर वाला निश्चित ही एक बार जरूर छप्पर फाड़कर देता है, ये अलग बात है कि कुछ लोग उस छप्पर में समा जाते हैं तो कुछ लोग पूरे छप्पर को समा लेते हैं। कर्म तो प्रधान होना चाहिए, मगर भाग्य से भरोसा भी नहीं उठना चाहिए, क्योंकि यह तो सभी जानते हैं, जब स्वर्णकाल का दौर चलता है तो फिर फर्श से अर्श की दूरी मिनटों में तय होती है, मगर जब संक्रमणकाल चलता है तो फिर अर्श से फर्श तक आने में पल भर नहीं…

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Added by rajkumar sahu on July 12, 2011 at 1:20am — 1 Comment

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में राजग पर भी उंगली उठी।

पहारू - भ्रष्टाचार के हमाम में सभी नंगे हैं।



2.समारू - केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल होने वाला है।

पहारू - काले कारनामे वाले कुछ जाएंगे, कुछ आएंगे।



3.समारू -  अन्ना हजारे लाठी ही नहीं, गोली खाने को तैयार हैं।

पहारू - जरा संभलकर, दिल्ली पुलिस की तरह सरकार बौखलाई हुई है।



4.समारू - किसानों की जमीन के लिए उत्तरप्रदेश में जंग छिड़ी हुई है।

पहारू - जमीन के नाम पर राजनीति कर वोट की खेती…

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Added by rajkumar sahu on July 11, 2011 at 1:02am — 1 Comment

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - छग कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल ने अलग बस्तर राज्य बनने पर सहमति जताई है।

पहारू - लगता है, दिग्गी राजा की बीमारी इन्हें भी लग गई है, मीडिया में छाए रहने की।





2. समारू - राहुल गांधी की किसान महापंचायत को नौटंकी बताया जा रहा है। पहारू - आखिर, राजनीति में होता क्या है ?





3. समारू - यूपी के फतेहपुर में ट्रेन हादसा हुआ है।

पहारू - सरकार श्रद्धांजलि देगी और कर देगी, मौत की कीमत का ऐलान।





4. समारू - राहुल गांधी ने कहा कि… Continue

Added by rajkumar sahu on July 10, 2011 at 5:40pm — No Comments

क्यों नहीं किसानों की चिंता ?

भारत एक कृषि प्रधान देश है और अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि को ही मानी जाती है। बावजूद, अन्नदाताओं की चिंता कहीं नजर नहीं आती। देश में भूमिपुत्रों की माली हालत बद्तर से बद्तर होती जा रही है और सरकार द्वारा महज नीतियां बनाने की बात की जाती है और जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं, वैसे ही किसानों से जुड़े मुद्दे भी रद्दी की टोकरी में डाल दिए जाते हैं। सरकार की ओर से कृषि बजट को बढ़ाने तथा किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के बारे में जैसा प्रयास होना चाहिए, वैसा अब तक नहीं हो सका है। यही कारण है कि देश के…

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Added by rajkumar sahu on July 10, 2011 at 1:44am — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - एक-एक कर मंत्रियों पर गाज गिर रही है।

पहारू - हां, अब उनके भाग्य में जेल की रोटी लिखी है।





2. समारू - सुप्रीम कोर्ट के सख्त फैसलों से सरकारों की नींदे उड़ गई हैं।

पहारू - अब सरकारें कहां रह गई हैं, वो तो कठपुतली बनकर रह गई है।





3. समारू - राहुल बाबा, किसानों के दर्द को समझने निकले हैं।

पहारू - मगर यूपीए-2 के दर्द का मर्ज भी तो ढूंढना चाहिए।





4. समारू - सरकार, माओवादियों से वार्ता की तैयारी कर रही है।

पहारू - वार्ता के… Continue

Added by rajkumar sahu on July 9, 2011 at 2:04am — No Comments

‘बाप भए चयनकर्ता तो जुगाड़ काहे न होए’

यह तो सभी जानते हैं कि आज क्रिकेट, भारत ही नहीं, दुनिया भर में एक ग्लैमरस खेल है और खेलप्रेमियों में इस खेल का जुनून सिर चढ़कर बोलता है। देश-दुनिया में ऐसे भी खेल प्रेमी मिलते हैं, जिनके लिए क्रिकेट ही सब कुछ है तथा उनके पसंदीदा क्रिकेटर भगवान होते हैं। क्रिकेट के प्रति खेलप्रेमियों में दीवानगी इस कदर देखी जाती है कि वे अपना खाना-पीना को भी दरकिनार कर देते हैं। विश्वकप समेत अन्य कई टूर्नामेंट में एक-एक बॉल पर उनकी नजरें टिकी रहती हैं और यही क्रिकेट का रोमांच उन्हें बांधे भी रखता है। एक-एक बॉल…

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Added by rajkumar sahu on July 6, 2011 at 3:13am — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - भारतीय क्रिकेट टीम में श्रीकांत ने अपने बेटे का चयन किया है।

पहारू - बाप भए चयनकर्ता तो जुगाड़ कैसे न जमे।

 

2. समारू - मध्यप्रदेश में चिटफंड कंपनियों पर गाज गिरी।

पहारू - छग में भी ऐसा हो, तब तो।



3. समारू - केरल के मंदिर में एक लाख करोड़ का खजाना मिला है।

पहारू - यहां तो चवन्नी भी नसीब नहीं है।



4. समारू - छग में पीएमटी की परीक्षा तीसरी बार होने वाली है।

पहारू - देखना होगा, इस बार पेपर लीक कहां से होता है ?



5. समारू -…

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Added by rajkumar sahu on July 6, 2011 at 12:31am — No Comments

श्रेय लेने का शुरूर

अक्सर देखा जाता है कि जब कोई उल्लेखनीय कार्य होता है तो उसका श्रेय लेने की होड़ मच जाती है और स्थिति मारामारी की बन जाती है। श्रेयमिजाजी लोग खास मिसाल पेश कर लेते हैं, तब वह इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने भी उतारू हो जाता है। भले ही वह किसी भी रूप में हों ? आज जहां देखें वहां, केवल श्रेय लेने की होड़ दिखती है। ऐसा लगता है, जैसे गली-गली में ‘श्रेय की दुकान’ खुल गई है और वहां से जो जब चाहे, तब ‘श्रेय’ खरीदकर ले लाए। जैसे, बाजार से हम सेब खरीद कर ले आते हैं। फिर अपना एकाधिकार जमाने में उसे कहां देर… Continue

Added by rajkumar sahu on July 4, 2011 at 12:28am — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

समारू - चवन्नी का अस्तित्व खत्म हो गया है।

पहारू - मगर, चवन्नी छाप लोगों की संख्या तो बढ़ रही है।





2. समारू - ऐश्वर्या राय की जल्द ही मां बनने की खबर है।

पहारू - लगता है, ‘मीडिया’ को ‘ऐश्वर्या’ से अधिक जल्दी है।





3. समारू - छग के पीएमटी परीक्षा फर्जीवाड़े में ओहदेदारों की संलिप्तता की चर्चा है।

पहारू - बड़े लोग हैं, बड़े कारनामे करने में कैसे गुरेज करेंगे।





4. समारू - छग में डीएड का पेपर लीक हो गया।

पहारू - यहां की परीक्षा… Continue

Added by rajkumar sahu on July 3, 2011 at 11:14pm — 1 Comment

महंगाई व प्रधानमंत्री के वायदे

प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने मार्च 2012 तक महंगाई दर में 6 प्रतिशत की कमी होने का एक बार फिर दावा किया है। दरअसल, प्रधानमंत्री जी प्रिंट मीडिया के कुछ प्रमुख संपादकों से बुधवार को मुखातिब हुए। यहां उन्होंने भ्रष्टाचार, लोकपाल बिल समेत अन्ना हजारे, बाबा रामदेव के आंदोलन के संबंध में अपनी बात रखी। साथ ही खुद को कमजोर प्रधानमंत्री कहे जाने को एक सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह विपक्ष का दुष्प्रचार है, जबकि वे हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि देश में कैसे विकास दर को बढ़ाया जाए और देश की… Continue

Added by rajkumar sahu on June 30, 2011 at 12:57am — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - प्रधानमंत्री ने प्रिंट मीडिया के प्रमुख संपादकों से चर्चा की।

पहारू - दिखाना चाह रहे हैं कि मेरी उछल-कूद में कोई कमी है तो बताओ।





2. समारू - खटारा गाड़ी में शहीद के शव मामले में छग के मुख्यमंत्री की सफाई।

पहारू - जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की जहमत कहां उठा सकते हैं।





3. समारू - आरबीआई ने चवन्नी के सिक्के को बंद कर दिया।

पहारू - अब कोई चवन्नी छाप नहीं होगा।





4. समारू - प्रधानमंत्री ने साल भर में पांचवीं बार महंगाई कम होने… Continue

Added by rajkumar sahu on June 29, 2011 at 11:17pm — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - महंगाई ने आर्थिक बजट बिगाड़ दिया है।

पहारू - ‘आम आदमी के साथ हाथ‘ वाली सरकार पर और विश्वास करो।





2. समारू - बाबा रामदेव ने कहा है कि वे कायर नहीं है।

पहारू - सच है, नहीं भागते तो पुलिस का कोपभाजन बनना पड़ जाता।





3. समारू - छग कांग्रेस में नए जिलाध्यक्षों की घोषणा जल्द होने वाली है।

पहारू - फिर क्या है, कलह भी जल्द आने वाली है।







4. समारू - भाजपा के मध्यप्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने बढ़ती महंगाई को लेकर मौत मांगी… Continue

Added by rajkumar sahu on June 29, 2011 at 1:27pm — 1 Comment

‘राष्ट्रपति को भा गई छत्तीसगढ़ की आत्मीयता’

छत्तीसगढ़ ने ‘धान का कटोरा’ के तौर पर देश-दुनिया में पहचान रखी है। प्रदेश की प्राचीन संस्कृति व लोककला यहां की प्रमुख विरासत है। छग में दूसरे राज्यों तथा अन्य देशों से जब भी कोई पहुंचते हैं तो वे सहसा ही यहां के लोगों की आत्मीयता से अभिभूत हो जाते हैं। वनांचल क्षेत्रों की आदिवासी संस्कृति व परंपरा जानकर हर कोई वाह-वाह किए बगैर नहीं रहता और यहां की यादों को अपनी संस्मरण में उतार लेते हैं। छत्तीसगढ़ के लिए अक्सर कहा जाता है - ‘छत्तीसगढ़िया-सबसे बढ़िया’। यह उक्ति आज की बनाई हुई नहीं है, बल्कि बरसों से… Continue

Added by rajkumar sahu on June 24, 2011 at 5:16pm — No Comments

परीक्षा, फर्जीवाड़ा और छत्तीसगढ़

ऐसा लगता है, जैसे छत्तीसगढ़ की परीक्षाओं का, फर्जीवाड़ा और विवादों से चोली-दामन का साथ है। तभी तो प्रदेश में होने वाली अधिकांश परीक्षाओं में किसी न किसी तरह से धब्बा लगा ही जाता है। छग में शिक्षा नीति जिस तरह लचर है, उसी का खामियाजा होनहार छात्रों व उनके अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश के लिए परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा की बात कोई नई नहीं रह गई है, यही कारण है कि छग से दूसरे राज्यों में जाकर पढ़ने वाले प्रतिभावान छात्रों को ‘हेय’ की दृष्टि से देखा जाता है, यह किसी भी सूरत में विकास पथ पर आगे…

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Added by rajkumar sahu on June 24, 2011 at 2:00am — No Comments

व्यंग्य - बाबागिरी का कमाल

बाबागिरी का कमाल अभी चहुंओर छाया हुआ है। अब लोगों को समझ में आ गया है, गांधीगिरी में भलाई नहीं है, बल्कि बाबागिरी से ही तिजोरी भरी जा सकती है। गांधीगिरी से केवल आत्मा को संतुष्ट किया जा सकता है, मगर बाबागिरी में करोड़ों कमाए बगैर, मन की धनभूख शांत नहीं होती। जब से इस बात का खुलासा हुआ है कि देश का एक बड़ा बाबा महज कुछ बरसों में करोड़पति बन गया तथा अभी अरबों की संपत्ति का और राज खुलना बाकी है, उसके बाद तो हम जैसे लोग बाबागिरी की तिमारदारी में लगे हुए हैं। बरसों कलम खिसते रहो, लेकिन इतना तय है कि इन… Continue

Added by rajkumar sahu on June 15, 2011 at 4:37pm — No Comments

यहां होता है तालाब का विवाह !

- 80 बरस बाद दोहराई गई परंपरा

- केरा गांव के लोगों का अनूठा कार्य

- तालाबों के अस्तित्व को बचाने की मुहिम

- जल संरक्षण की दिशा में ग्रामीणों का अहम योगदान

- ‘जल ही जीवन है’, ‘जल है तो कल है’ का संदेश

              

भारतीय संस्कृति में संस्कार का अपना एक अलग ही स्थान है। सोलह संस्कारों में से एक होता है, विवाह संस्कार। देश-दुनिया में चाहे कोई भी वर्ग या समाज हो, हर किसी के अपने विवाह के तरीके होते हैं। मानव जीवन में वंश वृद्धि के लिए भी विवाह का महत्व सदियों से कायम…

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Added by rajkumar sahu on June 15, 2011 at 1:52am — 1 Comment

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - छग में नक्सली हमले में जवान शहीद हो रहे हैं।

पहारू - यही हाल रहा तो, धान का कटोरा, खून का कटोरा बनते देर नहीं लगेगी।





2. समारू - देश की मिनिस्ट्री पर छग के बाबू भारी पड़ रहे हैं।

पहारू - भारीपन का जलवा अभी दिखा कहां है।





3. समारू - दिल्ली में नक्सली समस्या पर मंथन हो रहा है।

पहारू - फिर दोहराया जाएगा, कड़े कदम उठाए जाएंगे।





4. समारू - बाबा रामदेव ने दो सौ बरस जीने का दावा किया था।

पहारू - नौ दिनों में तो दावे की हवा… Continue

Added by rajkumar sahu on June 14, 2011 at 3:00pm — No Comments

‘हमें मालिक बने रहने दीजिए, मजदूर मत बनाइए’

पर्यावरण की चिंता हर बरस शुरू होती है, उसके बाद दम तोड़ देती है। पेड़ों की अंधा-धुंध कटाई के बाद जंगल घटते जा रहे हैं, वहीं प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है। पर्यावरण से खिलवाड़ का खामियाजा हर किसी को भुगतना पड़ रहा है, फिर भी हम चेत नहीं रहे हैं और हरियाली को हर तरह से उजाड़ने में लगे हैं। विकास के नाम पर पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही हैं और यही धीरे-धीरे हमारे जीवन पर आफत बनती जा रही है या फिर दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि पर्यावरण में धीमी मौत घुलती जा रही है, जो प्रदूषण के तौर पर हमें मुफ्त…

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Added by rajkumar sahu on June 12, 2011 at 11:14pm — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - छग में नक्सली हमले से फिर शहीद हुए जवान।

पहारू - सरकार के कारिंदे इतना जरूर कहेंगे, मुआवजे का ऐलान कर दो।





2. समारू - छत्तीसगढ़ में सैकड़ों डॉक्टरों की कमी बरसों से बरकरार है।

पहारू - जो हैं, वही तो ड्यूटी पर नहीं आते।





3. समारू - छग में 15 जून से 15 जुलाई तक कर्मचारियों के स्थानांतरण होंगे।

पहारू - देखो, सबसे ज्यादा आंख में कौन खटका।





4. समारू - बाबा रामदेव ने संतो के कहने पर अनशन तोड़ा।

पहारू - राजनीति के बर्र को हाथ… Continue

Added by rajkumar sahu on June 12, 2011 at 4:37pm — No Comments

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