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आदमी मैं कभी बड़ा न हुआ (ग़ज़ल)

2122 1212 22

दर्द से जिसका राब्ता न हुआ
ज़ीस्त में उसकी कुछ नया न हुआ

हाल-ए-दिल उसने भी नहीं पूछा
और मेरा भी हौसला न हुआ

आरज़ू थी बहुत, मनाऊँ उसे
उफ़! मगर वो कभी ख़फ़ा न हुआ

तब तलक ख़ुद से मिल नहीं पाया
जब तलक ख़ुद से गुमशुदा न हुआ

सिर्फ़ इक पल की थी वो क़ैद-ए-नज़र
जाने क्यों उम्र-भर रिहा न हुआ

मुझसे छूटी नहीं ख़ुलूस-ओ-वफ़ा
आदमी मैं कभी बड़ा न हुआ

अपनी ख़ुशबू ख़ला में छोड़ के "जय"
दूर होकर भी वो जुदा न हुआ

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment by SALIM RAZA REWA on September 6, 2017 at 9:02pm
भाई जयनित जी हार्दिक बधाई ।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 5, 2017 at 11:05pm
क्या ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय मेहता जी..हार्दिक बधाई

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 5, 2017 at 5:01pm

भाई जयनित जी, आपकी कोशिशों के लिए हार्दिक बधाइयाँ .

कई अश’आर अपने कथ्य और सोच से उम्मीद जगाते हैं. जैसे - 

आरज़ू थी बहुत, मनाऊँ उसे
उफ़! मगर वो कभी ख़फ़ा न हुआ

तब तलक ख़ुद से मिल नहीं पाया
जब तलक ख़ुद से गुमशुदा न हुआ

शुभेच्छाएँ 

Comment by Mahendra Kumar on September 5, 2017 at 3:59pm

आ. जयनित जी, अच्छी लगी आपकी ग़ज़ल. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by PHOOL SINGH on September 4, 2017 at 3:01pm

प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by नाथ सोनांचली on September 4, 2017 at 5:14am
आदरणीय जयनित कुमार जी आदाब,बेहतरीन ग़ज़ल । शेर दर शेर दाद के साथ मुबारकबाद क़बूल कीजिए।
Comment by Gajendra shrotriya on September 3, 2017 at 10:12pm
//सिर्फ़ इक पल की थी वो क़ैद-ए-नज़र
जाने क्यों उम्र-भर रिहा न हुआ//
शानदार,उम्दा,लाजवाब कहन।
//मुझसे छूटे नहीं ख़ुलूस-ओ-वफ़ा
आदमी मैं कभी बड़ा न हुआ//
वाह!खूब कहा है।
अच्छी ग़ज़ल के लिए बहुत बधाई और शुभकामनाएँ आ० जयनित भाई।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 3, 2017 at 6:41pm
भाई जयनित जी हार्दिक बधाई ।
Comment by Mohammed Arif on September 3, 2017 at 6:39pm
आदरणीय जयनित कुमारक्षजी आदाब,बेहतरीन ग़ज़ल । शेर दर शेर दाद के साथ मुबारकबाद क़बूल कीजिए। आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब की बात पर गौर करें ।
Comment by Samar kabeer on September 3, 2017 at 12:08pm
जनाब जयनित कुमार मेहता जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।
छटे शैर में 'ख़ुलूस' पुल्लिंग है, देखियेगा ।

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