For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हर तरफ़ रौशनी के डेरे हैं (ग़ज़ल)

2122  /  1212  /  22

हर तरफ़ रौशनी के डेरे हैं

मेरी क़िस्मत में क्यूँ अँधेरे हैं [1]

एक अर्सा हुआ उन्हें खोये

अब भी कहता है दिल वो मेरे हैं [2]

और कुछ देर हौसला रखिये

शब के आगे ही तो सवेरे हैं [3]

है धनक एक एक ज़र्रे में

रंग ये किसने यूँ बिखेरे हैं [4]

फ़ैसला सीरतों का यूँ ही सही

ऐब मेरे हैं वस्फ़ तेरे हैं [5]

किस तरह शुक्रिया करूँ उनका

जिन दुआओं ने दिन ये फेरे हैं [6]

इस शरीफ़ों के शह्र में 'शाहिद'

कू-ब-कू चोर और लुटेरे हैं [7]

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 611

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on October 22, 2022 at 5:27pm

बहुत शुक्रिय: आदरणीय सारथी बैद्यनाथ जी।

Comment by Saarthi Baidyanath on October 22, 2022 at 11:53am

Well try.. keep it up.

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on October 17, 2022 at 6:31pm

आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' साहिब, सुख़न-नवाज़ी के लिए आपका बहुत शुक्रिय:।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 16, 2022 at 4:45pm

बढ़िया ग़ज़ल कही आदरणीय रवि जी...बधाई

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on October 10, 2022 at 2:02pm

आदरणीय महेंद्र कुमार जी, आपकी हौसला-अफ़ज़ाई और बधाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिय:।

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on October 10, 2022 at 1:59pm

आदरणीय उस्ताद-ए-मुहतरम समर कबीर साहिब, आपकी आपकी हौसला-अफ़ज़ाई और इनायत के लिए तह-ए- दिल से आपका शुक्रगुज़ार हूँ।

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on October 10, 2022 at 1:57pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' भाई, हौसला-अफ़ज़ाई के लिए आपका हार्दिक आभार!

Comment by Mahendra Kumar on October 9, 2022 at 8:24am

बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने आदरणीय रवि जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। 

Comment by Samar kabeer on October 9, 2022 at 6:46am

जनाब रवि भसीन 'शाहिद' जी आदाब, उम्द: ग़ज़ल कही आपने, मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएँ ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 8, 2022 at 9:01pm

आ. भाई रवि जी , सादर अभिवादन। सुन्दर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बेहतरीन 👌 प्रस्तुति और सार्थक प्रस्तुति हुई है ।हार्दिक बधाई सर "
Monday
Dayaram Methani commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अति सुंदर गीत रचा अपने। बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"सही कहा आपने। ऐसा बचपन में हमने भी जिया है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday
Sushil Sarna posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
Dharmendra Kumar Yadav posted a blog post

ममता का मर्म

माँ के आँचल में छुप जातेहम सुनकर डाँट कभी जिनकी।नव उमंग भर जाती मन मेंचुपके से उनकी वह थपकी । उस पल…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Nov 30

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service