For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'ताटंक छंद अभ्यास'

[विषम चरण 16 मात्राएँ + यति+ सम चरण 14 मात्राएँ तुकांत पर तीन गुरु (222) सहित]

ओ री सखी नदी तुम भी हो, हुई न तुम वैसी गंदी।
हम सब पर तुम मर मिटती हो, सहकर भी सब पाबंदी।।
धुनाई-धुलाई हर पत्नी की, करते पति बस वस्त्रों सी।
मैल दिखाकर अपने मन का, पिटाई करते जब बच्चों सी।।
*
ताक-झांक बच्चे करते पीछे, दिखे आज बदले पापा।
झाग-दाग़ रिश्तों के छूटे, हृदय 'नदी' का जब नापा।।
दिन छुट्टी का अब ग़ज़ब हुआ, नदी से 'नदी' को जाना।
समय का अजब यह फेर हुआ, मां को पापा ने 'माना'।।
*
बहते जल में बैर धुले, घिसकर घुलें बुराईयां।
मनघुन्ने पति कम ही बोलें, बोलें जब लुगाईयां।।
काम करें जतन संग अपना, नदियों का अपना सपना।
ठहरा पानी सड़ना-मरना, बहना सतत नारी का जुटना।।


(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 1089

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on August 22, 2018 at 7:11pm

आदरणीय शेख शाहजाद उस्मानी साहब एक कामयाब कोशिश के लिए दिली मुबारकबाद कुबूल कीजिये 

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 22, 2018 at 12:10pm

ग़ज़ल पर अभ्यास करने पर हिंदी के छंदों में मात्रा गणना के समय समस्या स्वभावतः आ जाती है, इसलिए आपके इस प्रयास में भी ऐसी भूल हो गई है......कुल जमा आपनका प्रेस बहुत सराहनीय है

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 22, 2018 at 1:20am

 आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी, यहां 'धुनाई/धुलाई/पिटाई' शब्दों को सामान्य अर्थों के बजाय मैंने हर महिला पर होने वाले "मानसिक/शारीरिक/आर्थिक"- "शोषण/अन्याय" की ओर इशारा करना चाहा है 'बिम्बों' में।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 22, 2018 at 1:15am

मेरे इस 'ताटंक छंद' अभ्यास पर  समय देकर, अपने विचार/राय सांझा कर अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया और ई़द-अल-अद़हा ई़दुज्जुहा/बकरीद) की अग्रिम मुबारकबाद मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब और जनाब मोह़म्मद आरिफ़ साहिब,  जनाब अशोक कुमार रक्ताले साहिब, जनाब बसंंत कुमार शर्मा साहिब, मुहतरमा नीलम उपाध्याय साहिबा और मुहतरमा कल्पना भट्ट साहिबा। कृपया नीचे टिप्पणी में मेरे दूसरे अभ्यास पर इस्लाह दीजिएगा। वरिष्ठजन से मार्गदर्शन निवेदित।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 20, 2018 at 8:21pm

अरे वाह! हार्दिक बधाई आपको इस अभ्यास और प्रयास के लिए| हार्दिक शुभकामनाये 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 20, 2018 at 7:56pm

बहुत खूब , सुझाव अनुकरणीय हैं 

Comment by Samar kabeer on August 20, 2018 at 6:46pm

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,बहुत अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।

जनाब अशोक रक्ताले जी की बातों का संज्ञान लें ।

Comment by Neelam Upadhyaya on August 20, 2018 at 3:45pm

 आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, नमस्कार।  ताटंक छंद के प्रयास की जितनी प्रशंसा की जाय कम है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । 

Comment by Ashok Kumar Raktale on August 20, 2018 at 2:51pm

आदरणीय शेख़ शहजाद  उस्मानी साहब सादर, ताटंक छंद पर आपका सुंदर प्रयास हुआ है , किन्तु कहीं-कहीं मात्राओं की गणना में चूक हुई है। आपने 16 की जगह 18 मात्राएँ ले लीं हैं  । फिर हर पत्नी की धुनाई- धुलाई ...आपत्तिजनक कथ्य है । देख लें । सादर ।

Comment by Mohammed Arif on August 20, 2018 at 2:24pm

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,

                                  ताटंक छंद का बहुत ही लाजवाब प्रयास । इस प्रयास की जितनी प्रशंसा की जाय कम है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । बाक़ी गुणीजन मार्गदर्शन देंगे ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
13 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
14 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service