For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सावन की ग़ज़ल (बह्र-22/22/22/22)

मन में आग लगाये सावन ,
यौवन को भड़काये सावन ।
दो दिल मचल रहे हैं देखो ,
ऐसा राग सुनाये सावन ।
छैल-छबीला , रंगीला-सा ,
बाग़ों में इतराये सावन ।
छन-छन छन-छन करता छत पर
बेहद शोर मचाये सावन ।
खेतों में हरियाली लाये ,
संग घटा के छाये सावन ।
मस्ती में जब झूमे नाचे
ऐसा रंग जमाये सावन ।
गीत मिलन के गाता है ये
झूलों में इठलाये सावन ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 1028

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on July 18, 2017 at 11:56am
आदरणीय गुरप्रीत जी ग़ज़ल पर प्रतिक्रिया और इस्लाह के लिए बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Mohammed Arif on July 18, 2017 at 11:55am
आदरणीय तस्दीक़ अहमद जी ग़ज़ल की सराहना के लिए बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Mohammed Arif on July 18, 2017 at 11:53am
आदरणीय रवि शुक्ला जी ग़ज़ल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर कृतार्थ करने का बहुत-बहुत आभार । आजकल मैं बह्र-ए-मीर की ही साधना कर रहा हूँ ।
Comment by Mohammed Arif on July 18, 2017 at 11:50am
आदरणीय बसंत कुमार जी ग़ज़ल की सराहना के लिए बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Mohammed Arif on July 18, 2017 at 11:48am
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ग़ज़ल की सराहना के लिए बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Gurpreet Singh jammu on July 17, 2017 at 9:10pm
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी..सावन पर बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है आपने..जितनी तारीफ़ की जाए कम होगी..सावन का द्रुष्य खींचते बहुत अच्छे अशआर बने हैं..
क्या छठे शेअर को ऐसे कहा जा सकता है..
मस्ती में सब झूमें नाचें
ऐसा रंग जमाए सावन
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 17, 2017 at 8:28pm
मुहतरम जनाब आरिफ़ साहिब ,सावन के कई रंग दिखाती सुन्दर ग़ज़ल हुई है ,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें
Comment by Ravi Shukla on July 17, 2017 at 6:05pm
आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब बहरे मीर पर आपका सुंदर प्रयास हुआ है और सावन अशआर में अभिव्यक्त भी अच्छी तरह इ हुआ है ।आपसे अपेक्षा है की बहर के आगे अब कहन में भी ऐसे ही जोहर दिखाएं ।सादर
Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 17, 2017 at 5:23pm

वाह सुंदर प्रयास 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 17, 2017 at 1:45pm
बहुत खूब...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service