For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मन भावन पैगाम (दोहे )

मन भावन पैगाम सब ,रक्खे बड़े सम्हाल 
आते जब भी सामने,कहते सारा हाल ॥

स्नेह पगे जो शब्द हैं,करते अब मनुहार 
इक-इक पाती प्रेम की,कहती बात हजार ॥

आखर में जब तुम दिखो,भर आती है लाज 
आवेदन ये प्रेम का ,भर जाते  है आज ॥

बिना कहे सब बोलती,हृदय की ये बात
आमंत्रण देती रहीं ,सपनों की बारात ॥

पाती में मिलते रहे ,सूखे सुमन गुलाब
मन मंदिर ले बाचती, खुशबू भरी किताब॥

आता देखूँ डाकिया ,खिलें खुशी के फूल 
बंद लिफाफा प्रेम का,बुनता नैन दुकूल ॥

भावों भरे जो शब्द हैं ,करते है संवाद 
देते हैं अब भी मुझे,पिया तुम्हारी याद ॥

साथ तुम्हारे पालकी,आई थी जब गाँव 
पहनी थी रंग चूड़ियाँ ,महबर लागी पाँव ॥

मौलिक व अप्रकाशित 

कल्पना मिश्रा बाजपेई

Views: 572

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kalpna mishra bajpai on March 18, 2015 at 1:48pm

मैं आभारी हूँ आप सभी विशिष्ट और वरिष्ठ जनों की /सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on March 18, 2015 at 1:47pm

अदरणीय  Saurabh Pandey जी आप बिल्कुल सही कह रहे है मैं कोशिश करूंगी सुधार की । बहुत आभार 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 18, 2015 at 5:23am

आदरणीया कल्पनाजी, इस दोहा प्रयास पर शुभकामनाएँ.
प्रस्तुतियों पर थोड़ा और समय दिया करें तो शिल्प और संप्रेषणीयता दोनों से न्याय होगा.
हार्दिक शुभेच्छाएँ

Comment by Naveen Mani Tripathi on March 17, 2015 at 10:40pm
वाह बधाई कल्पना जी ।
Comment by Nirmal Nadeem on March 17, 2015 at 3:18pm

kya kahne waaah waaah waaah

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on March 17, 2015 at 4:21am

पाती में मिलते रहे ,सूखे सुमन गुलाब
मन मंदिर ले बाचती, खुशबू भरी किताब॥

भावपूर्ण दोहे ....बधाई 

Comment by kalpna mishra bajpai on March 16, 2015 at 8:29pm

आप सभी विशिष्ट आदरणीय जनों का हार्दिक हार्दिक आभार /सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 16, 2015 at 7:10pm

आदरणीया कल्पना मिश्रा बाजपेई जी ,बहुत सुन्दर दोहावली है ,बधाई आपको ! सादर 

Comment by Shyam Mathpal on March 16, 2015 at 7:08pm

Aadarniya Kalpna Mishra Bajpai Ji,

Sangeet ki tarah har pankti .... bahut sundar.. sundar bhaw .... Badhai .

Comment by maharshi tripathi on March 16, 2015 at 5:48pm

इस भावपूर्ण, हृदयस्पर्शी दोहों पर हार्दिक बधाई आ.kalpna mishra जी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service