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जनाब शेख शहजाद साहब रियाकारी आज हमारे समाज मे किस कदर बढ़ गई है किसी से छुपी नहीं है आपने बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ मे लघुकथा कही ... बहुत मुबारकबाद ...पैनी निगाह बनाये रखिये ...
आदरणीय शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी, इस सार्थक लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई. सादर
जीवन में आज हर कोई दौड़ ही तो रहा है कोई अच्छे मकसद के लिए दौड़े तो भी उसका अर्थ अलग ही निकालेंगे क्योंकि वास्तव में हो ही ये रहा है कि सिर्फ अपनी पब्लिसिटी के लिए सब भाग रहे हैं .बहुत ही सही कटाक्ष करती हुई लघु कथा बहुत बहुत बधाई आद० उस्मानी जी
जनाब शहज़ाद उस्मानी साहब , खूबसूरत लघुकथा के लिए दिली मुबारक़बाद
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