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Saurabh Pandey's Comments

Comment Wall (132 comments)

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At 1:52pm on September 2, 2012, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…
 सौरभ कुमार पाण्डेयजी,आप सभी का स्नेह और सहयोग मिलते रहने से ही मेरा उत्साह बढ़ा, जिसका परिणाम ही यह सम्मान है, इसके लिए सर्व श्री आदरणीय गणेश जी बागी,अम्बरीश जी श्रीवास्तव सौरभ कुमार पाण्डेयजी, डॉ. सूर्य बाली सूरज,अलबेला खत्रीजी, वसुधा निगम जी, सीमा अग्रवालजी. डॉ. प्राची सिंह जी, विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीजी, आप सभी को ह्रदय से धन्यवाद |
At 10:57am on September 2, 2012, VISHAAL CHARCHCHIT said…

आदरणीय सौरभ जी, ह्रदय से आभारी हूँ आपका !!!

At 8:10am on August 6, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

सौरभ जी नमस्कार ! ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिकृया से मन प्रफुल्लित हो गया । इधर कई महीने से आपकी कोई रचना मंच पर नहीं आई.....कृपया अपनी सुंदर ग़ज़लों से मंच को  नवाजे !आपका बहुत बहुत धन्यवाद!

At 5:35pm on July 11, 2012, Vinay Kull said…

प्रिय भाई, मेरे व्यंगचित्र आपको पसंद आ रहे हैं जो मेरे परिश्रम की सार्थकता का प्रमाण है. साधुवाद !

At 8:56am on July 10, 2012, कुमार गौरव अजीतेन्दु said…
आदरणीय सौरभ सर, आपने "नयन" विषय पर लिखे मेरे दोहे पसंद किये, आपका आभारी हूँ। स्नेह बनाए रखिएगा...
At 11:45pm on July 5, 2012, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

कुछ बिम्ब पुराने हैं जिनसे बचा जा सकता था.  औचित्य स्पष्ट हो तो नये बिम्ब स्वयं बिखरे आते हैं.  या पुराने बिंब नये आयाम को इंगित करते हैं. ..आदरणीय और सम्माननीय सौरभ जी आप के शब्द और समीक्षा भी हृदयग्राही हैं ...सुझाव अच्छा है आप का ..समयाभाव वश और अति शीघ्रता में लिख जाता हूँ रचनाएं या ये कहिये ये खुद ही प्रकट हो जाती हैं अपने रूप में इस लिए आप सब की कसौटी पर कमजोर पड़ जाता हूँ आगे से कुछ ध्यान शायद रख सकूं अपना सुझाव कृपया देते रहिएगा 

आभार 
भ्रमर 5 
भ्रमर का दर्द और दर्पण  
At 2:29pm on July 4, 2012, Albela Khatri said…

कृपा कृपा कृपा
आपकी कृपा है  महाप्रभु !
बड़ा आनंद आ रहा है

बहुत  बहुत धन्यवाद  आपको  और हम सबके  संगम  स्थल  ओ बी ओ को.....सम्मान्य श्री सौरभ पाण्डेय   जी,   मन अभिभूत है आप सब के  इस स्नेह के लिए........पता नहीं, मैं इस  पुरस्कार के  योग्य था या नहीं,  परन्तु  मिला है  तो मन मधुबन  खिला है

अभी  यात्रा पर हूँ.....आज जगदलपुर ( बस्तर ) से विजयवाड़ा जा रहा हूँ..........इसलिए  ज़्यादा समय नहीं दे पा रहा हूँ..........इस बात का बहुत मलाल है .

सचमुच, बहुत मिस कर रहा हूँ आप सब को...............    :-(((((((((

At 9:46pm on May 17, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

सौरभ जी सादर नमस्कार ! आपकी स्नेह भरी प्रतिक्रिया और उत्साहवर्धन से मज़ा आ गया । आशीर्वाद बनाए रखें!

At 8:18pm on May 14, 2012, SANDEEP KUMAR PATEL said…

सर जी अपना स्नेह और आशिर्वाद बनाये रखिये 

At 12:55pm on April 14, 2012, विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी said…
गुरुदेव! निवेदन स्वीकारने हेतु सादर आभार और अभिवादन।
At 12:31pm on April 1, 2012, PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA said…

परम पूज्य गुरु , श्री सौरभ  जी.

सादर अभिवादन.
शरीर साथ देगा तो आजीवन सक्रिय रहूँगा.
धन्यवाद
At 12:53pm on March 5, 2012, Vinay Kull said…

धन्यवाद पाण्डेय जी, सब बाबा काशी विश्वनाथ और बुजुर्गों का आशीर्वाद है !

At 10:37am on March 5, 2012, PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA said…

सुप्रभात, आदरणीय सौरभ जी, हाँ निराशा हुई थी. पर एक भारतीय की तरह देखा 5 7 5 दिमाग़ लगाया , फिर आनंद लिया तारीफ करी अपनी बात भी रख दी. अब  आपका स्नेह प्राप्त हो रहा है आभार. 

At 1:18pm on March 3, 2012, MAHIMA SHREE said…
माननीय सौरभ , सर नमस्कार,
मुझे किसी-2 कॉमेंट पे रिप्लाइ का . नही मिलता..शायद अभी आदि नही हुई हूँ ,....OBO के ..इस लिए थोड़ी TECHNICAL prablem झेलनी पर रही है.....पर मेरी कोशिश तो रहती..है की सही तरीके..करू

आपका बहुत धन्यवाद..
At 7:52am on March 3, 2012, राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' said…

mananiya Shrimaan aapki ye kavita nahi dhindh paya: धूप लगा करती है. kripya link de.

At 11:07am on March 2, 2012, MAHIMA SHREE said…
सौरभ जी, नमस्कार,

आपने मेरी कविता के मर्म की विवेचना बड़ी ही गहराई से करी है...इसके लिए आभारी हूँ..सराहने के लिए बहुत-2 धन्यवाद..आशा है..आप जैसे प्रबुधजन का ..साथ मिलता रहेगा...... दो दिन ..ही हुए है मुझे ..यहा . हुए....
At 12:30am on March 2, 2012, वीनस केसरी said…

जन्मदिन की बधाई के लिए धन्यवाद

At 7:53pm on January 29, 2012, Mukesh Kumar Saxena said…

धन्याबाद आपके द्वारा किया गया उत्साहवर्धन ही मुझे लिखने की प्रेरणा देता है.

At 8:59pm on January 2, 2012, Mukesh Kumar Saxena said…

मै आपका बहुत ही आभारी हूँ की आपने मेरी कविता की सराहना करके मेरा उत्साह वर्धन किया

At 11:20pm on December 31, 2011, vaneetnagpal said…

कृपया ध्यान दे...

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