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आज जहाँ सुनिये वहीँ भाषा का बिगड़ा स्वरूप सुनाई देता है। किस पुरुष का कर्ता है और कौन सी क्रिया लग गई पता ही नही। यह भी नही की यह युवा पीढ़ी ढंग से आंग्ल भाषा ही जानती हो। तो क्या हमारी और सरकार की यह…Continue
Started this discussion. Last reply by आशीष यादव Jul 28, 2012.
एक दिन स्वर्ग में घूमते-घूमते
एक जगह रुक्मिणी राधिका से मिली
एक दिन स्वर्ग में……………
सैकड़ों प्रश्न मन में समेटे हुए
श्याम की प्रीत तन पर लपेटे हुए
जोड़कर हाथ राधा के सम्मुख वहाँ
एक रानी सहज भावना से मिली
एक दिन स्वर्ग में …………….
देखकर राधिका झट गले लग गई
साँवरे की महक से सुगंधित हुई
प्रीत की प्रीत में घोलकर मन, बदन
साधना प्रीत की साधना से मिली
एक दिन स्वर्ग में……………
भेँटना हो गया बात होने…
ContinuePosted on March 25, 2022 at 1:30pm
जय भारत के लोगों की
जय भारत देश महान की
जय जय जय गणतंत्र दिवस की
जय जय संविधान की
जय जय जय जय हिंद
अपनी धुनें बनाई हमने अपना राग बनाया था
जिसमें समता, न्याय, आजादी का संकल्प समाया था
एक अखंडित राष्ट्र के लिए गरिमा भाईचारा से
हमने अपने गीत लिखे थे हमने खुद को गाया था
जय लिक्खी संप्रभुता की जय लोकतंत्र कल्याण की
जय जय जय गणतंत्र दिवस की
जय जय संविधान की
जय जय जय जय हिंद
सूत कातते…
ContinuePosted on January 25, 2022 at 11:15pm — 3 Comments
मैं पुलिस हूँ
मैं पुलिस हूँ, मित्र हूँ
मैं आपका ही प्यार हूँ
आपकी खातिर खड़ा हूँ
आपका अधिकार हूँ
मैं पुलिस हूँ
शपथ सेवा की उठाया हूँ करूँगा आमरण
धीर साहस के लिए मैंने किया वर्दी-वरण
जुल्म-अत्याचार से चाहे प्रकृति की मार से
रात-दिन रक्षा करूँगा आपका बन आवरण
मैं अहर्निश कमर कसकर
वेदना में भी विहँसकर
कर्म को तैयार हूँ
मैं पुलिस हूँ
मैं पुलिस…
ContinuePosted on January 5, 2022 at 9:23am — 4 Comments
सबसे पहले आपको नाथ नवाता शीश
यही याचना, आपका मिलता रहे आशीष
जीवन मे उत्थान दे मंगलमय नव-वर्ष
नए साल में छूइए नए-नए उत्कर्ष
शुभकामना स्वीकारिये मेरी भी श्रीमान
शुक्ल पक्ष के चाँद सी बढ़े आपकी शान
जैसे इस ब्रम्हांड का नही आदि ना अंत
वैसे ही श्रीमान को खुशियाँ मिलें अनंत
धन-सम्पत से युक्त हों लोभ-मोह से हीन
उनको भी उद्धारिये जो हैं दीन-मलीन
मौलिक एवं अप्रकाशित
आशीष यादव
Posted on January 1, 2022 at 9:05am — 7 Comments
प्रिय आशीष जी.....मेरी कविता को पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार.....
आशीष जी, प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार.......
आशीष जी मित्र बनने का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद |
आशीष जी आपकी शुभकमानयों और बधाइयों के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
आशीष जी आपकी दाद के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ! अच्छा लिखते हो ! ऐसे ही लिखते रहो और सबका मनोरंजन करते रहो !!
swagat hai
Dhanyavaad Ashish Bhai.
thanx ashish ji for liking my post...
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