For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह
  • Male
  • Mumbai , Maharastra
  • India
Share on Facebook MySpace

Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह's Friends

  • Akshay Thakur " परब्रह्म "
  • mohsin khan
  • Roli Pathak
  • Anita Maurya
  • Hilal Badayuni
  • Aparna Bhatnagar
  • Subodh kumar
  • Dr Nutan
  • ritesh singh
  • भरत तिवारी (Bharat Tiwari)
  • Deepak Sharma Kuluvi
  • alka tiwari
  • renu
  • Rajni Pallavi
  • अनुपम ध्यानी

Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह's Groups

Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह's Discussions

वंदे~मातरम :::
2 Replies

वंदे~मातरम :::ये सिर्फ दो शब्द मात्र नहीं हैं जिन्हें जैसे चाहा मुँह खोल कर उगल दिया.....…Continue

Started this discussion. Last reply by Rash Bihari Ravi Dec 23, 2010.

बचपन की संवेदना ::: ©
4 Replies

बचपन की संवेदना ::: ©मेरे मित्र अशोक जी ने अपनी वॉल पर संवेदना को साझा किया.......जिसके अनुसार उन्होंने लिखा "**** आज सवेरे घर से बाहर निकला तो एक जगह देखा कि कुतिया के छोटे-छोटे पिल्लै,कडकडाती ठण्ड…Continue

Started this discussion. Last reply by Bhasker Agrawal Nov 30, 2010.

मोरे सईंया भये कोतवाल.. अब डर काहे का..
19 Replies

मोरे सईंया भये कोतवाल.. अब डर काहे का..06 अगस्त 2010 के दिन मैं आगरा में था...अचानक एक शानदार वाकया सामने आ गया जिसमें कानून के दो रखवाले किसी तीसरे के साथ ट्रिपल सवारी का आनंद ले रहे थे...जिस…Continue

Tags: फोटोग्राफी, बाईक, रखवाले, व्यंग्य, पुलिस

Started this discussion. Last reply by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह Nov 8, 2010.

मेरी लेखनी,मेरे विचार..

Loading… Loading feed

 

Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह!

::::: इस ब्लॉग को चाहने वाले :::::

Free Web Counter
Free Web Counter
______________________________________________________________________


► बिना वॉटर मार्क या टैक्स्ट मेरे द्वारा लिए गए फोटोग्राफ
. . कमर्शियल उपयोग के लिए उपलब्ध हैं ...
Paid आर्टिकल्स पाने हेतु भी संपर्क किया जा सकता है ...

► जोगेन्द्र सिंह ( मुंबई )
► +91.90040.44110

http://web-acu.com/

jogendra777@gmail.com
http://jogendrasingh.blogspot.com/
http://indotrans1.blogspot.com/
.

Profile Information

Gender
Male
City State
Mumbai
Native Place
Agra & Bharatpur
Profession
Business

Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह's Photos

  • Add Photos
  • View All

Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह's Blog

  प्यार में तुम.. Copyright © 2011Photography by :- Jogendra Singh   प्यार में तुम जीते रहो , प्यार में तुम मरते रहो , प्यार में धोखा देते रहो , प्यार में धोखा खाते रहो ,   प्यार कहाती इबादत है , हाँ…

 

प्यार में तुम.. Copyright ©

2011Photography by :- Jogendra Singh

 

प्यार में तुम जीते रहो ,

प्यार में तुम मरते रहो ,

प्यार में धोखा देते रहो ,

प्यार में धोखा खाते रहो ,

 

प्यार कहाती इबादत है ,

हाँ इस इबादत पर तुम ,

किसी की बली लेते रहो ,

प्यार पर बली…

Continue

Posted on January 19, 2011 at 12:03am

फिर एक किनारा......? Copyright ©

 

फिर एक किनारा......? Copyright ©



फिर एक किनारा......?

इस ओर से उस ओर को जाने वाला एक खिवैया..

दो किनारों के बीच आवाजाही ही तो है जो समझ नहीं आती है..

रेत पर मेरे स्वागत को तत्पर..

बलुआ मिटटी और सीपियों से बनी तुम्हारी रंगोली..

मेरे आने से पहले ही बड़ी लहर उसे निगल…

Continue

Posted on January 12, 2011 at 11:32pm — 2 Comments

फिर भी आँख है सूनी.. Copyright ©

 

फिर भी आँख है सूनी.. Copyright ©



फिर भी आँख है सूनी..

उस राह को तकते हुए..

जो जाती है सीधे तेरे दर पे..

तुमने कहा मैं भूल गया आना..

कहा तुमने मैं भूल गया तुमको..

सुना मैंने भी कुछ ऐसा ही था कि मैं..

पर तुम क्या जानो क्या बीती है मुझ पर..

सारा जमाना क्या , हम…

Continue

Posted on January 10, 2011 at 11:00am

दायरे.. ©

 

दायरे.. ©



कुछ सवाल कुछ ज़वाबों के घेरे में , उलझा जीवनपथ..

सीमित दायरे , दरकता है जीवन उनमें पल-प्रतिपल..



दहकते दावानल, स्वप्नों का होता दोहन उनमें निरंतर..

पल-प्रतिपल , भसम् उठा ख्वाबों की भेंट चढा रहे हम..

चरणों में अर्पित करने लगे , सीमित दायरों भरा जीवन..

चरण उस पथिक के ,…

Continue

Posted on January 3, 2011 at 8:18pm — 1 Comment

बहकाती है क्यूँ जिंदगी...? ©

 

बहकाती है क्यूँ जिंदगी...? ©



शुरू में गज़ल सी , फिर भटकती लय है क्यूँ जिंदगी......

हर रंग भरा इसमें तुमने , सवाल सी है क्यूँ जिंदगी.......

ज़वाब दिए खुद तुम्हीं ने , फिर अधूरी है क्यूँ जिंदगी.....

माना है डगर कठिन , कदम बहकाती है क्यूँ जिंदगी.....

मंजिल का पता नहीं पर , राह भटकाती है क्यूँ जिंदगी.....



Photography & Creation by :- जोगेन्द्र सिंह…

Continue

Posted on December 21, 2010 at 11:30pm — 6 Comments

कैसा है यह नाते पर नाता..? Copyright ©

 

कैसा है यह नाते पर नाता..? Copyright ©



निकल कर देखा.. अपनी माँ के उदर से उसने,

अनजानी.. कुछ मिचमिचाती अपनी आँखों से,

सारा जहान था दिख रहा अजनबी सा उसको,

लग रही माँ भी उसकी.. अजनबी सी उसको,

बना फिर इक नया.. माँ से पहचान का नाता,

फिर भी अकसर.. क्यूँ लगती माँ अजनबी सी,

गोद…

Continue

Posted on December 20, 2010 at 9:30pm — 2 Comments

Comment Wall (12 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 3:27pm on July 30, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 1:05pm on July 29, 2011, Rash Bihari Ravi said…

janamdin mubarak ho

At 12:06pm on September 2, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 10:38am on August 30, 2010, Deepak Sharma Kuluvi said…
JOGINDER JI

YAH HAMARI KHUSHKISMATI HAI

DEEPAK
At 11:38pm on August 28, 2010, sanjiv verma 'salil' said…
सबसे पहले तो जीने की ही बात की है भाई. जो जीता है वह मरता भी है इसलिए बाद में मरने की बात है. कैमरा तो महाकाल का नेत्र है जो जन्म-मृत्यु दोनों को समभाव से देखता है.
At 9:45pm on August 28, 2010, baban pandey said…
सहित्यतिक मंच पर आपका swagat hai ....aasha main aapke photo camra ka kamaal yaha bhi dekhega .....saadar
At 5:00pm on August 28, 2010, sanjiv verma 'salil' said…
कौन जिए कब कै मरे?
सच बतला दे कैमरे.
At 7:26am on August 28, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 10:32pm on August 27, 2010, ABHISHEK TIWARI said…
aapka bahut bahut dhanyawaad , mujhe apna mitra banane ke lye ,,,,,
At 3:10pm on August 27, 2010, Rash Bihari Ravi said…
aapka swagat hain obo pariwar me,
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
16 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service