2122 2122 2122 212
हमने किस किस से न पूछा ज़िन्दगी तेरा पता ।
हमको ले आया ग़मों में ऐ ख़ुशी तेरा पता ।
ऐ मुहब्बत दूर मुझसे अब न तू जा पाएगी ,
दे रहा है अब मुझे ये दर्द भी तेरा पता ।
हाथों में दीपक बुझा था दूर तारे थे बहुत ,
जुगनुओं से हमने पूछा रौशनी तेरा पता ।
माना ढलती उम्र में चाहत भी तेरी ढल गयी ,
ढूंढता है इक दीवाना आज भी तेरा पता ।
उनसे नज़रें क्या मिलीं दिल शायराना हो गया ,
आशिकी…
ContinueAdded by Neeraj Nishchal on January 14, 2016 at 2:00pm — 17 Comments
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