2122 2122 2122 2122
राज की बात कहता हूँ समझ अब तक न तू पाया ।
सुकूँ देकर किसी को ही आदमी ने सुकूँ पाया ।
दौलतें शोहरतें जिनको कमानी हैं क़मा लें वो ,
मुझे इतना बहुत है जो किसी के दिल को छू पाया ।
बढ़ाये हाथ जब मैंने किसी को थाम लेने को ,
ख़ुशी का सिलसिला दिल में अचानक ही शुरू पाया ।
यहाँ हर शै से हर शै का एक अनबूझ रिश्ता है ,
जब दिल में चुभा काँटा तो आँखों में लहू आया ।
ढूँढ़ने ज़िन्दगी का राज मै…
ContinueAdded by Neeraj Nishchal on February 9, 2014 at 11:30am — 8 Comments
शेर -
"प्रीत की लगन है ये , किसी ने न जानी है ।
सबकी समझ में आती नही ये कहानी है ।"
मीरा छोड़ सब तेरी गली मोहन चली आयी ।
न आया तू तो तेरे द्वार पर जोगन चली आयी ।
कि इकतारे की सरगम पर विरह के गीत गाती है ।
दीवानी बावरी बेसुध तुम्हारी और आती है ।
जर्जर तन निगाहों में लिए सावन चली आयी ।
न आया तू तो तेरे द्वार पर जोगन चली आयी ।
देह भी चूर है थक कर और पैरों में छाले हैं ।
सूखते लब…
Added by Neeraj Nishchal on February 3, 2014 at 10:30pm — 10 Comments
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