For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सतविन्द्र कुमार राणा's Blog – February 2017 Archive (3)

कुछ मुक्तक/सतविन्द्र कुमार राणा

(16 14 मात्रा भार)

.

(1)

हाथ जोड़ कर फिरते दिखते जब-जब सीजन आता है

दर-दर पर मिन्नत होती है हर इक जन तब भाता है

काम साध कुर्सी को पाकर याद नहीं फिर कुछ आता

झुककर जो वादे कर जाते उनको कौन निभाता है?



(2)

मौसम जैसा हाल सजन का समझ नहीं कुछ आता है

इस पल होता है तौला उस पल माशा बन जाता है

प्रीत हमारी लगती झूठी जाने क्या दिल में रखते?

वादे उनके ऐसे लगते ज्यों नेता कर जाता है।



(3)

आँखों को झूठा मत समझो आँखें सच ही कहती हैं…

Continue

Added by सतविन्द्र कुमार राणा on February 22, 2017 at 2:30pm — 4 Comments

तरही गजल-सतविन्द्र राणा

22 22 22 2

भले ही' मैं अंजाना हूँ

सारी बात समझता हूँ



कड़वा चाहे लगता हूँ

सच की रो में बहता हूँ।



सुख दुख के हर पहलू को

चुपके-चुपके सहता हूँ।



बोल रहा उनके आगे

जिनको सुनता आया हूँ।



काम बहुत करना मुझको

लेकिन मैं अलसाया हूँ।



जख्म नहीं हूँ दे सकता

जब मरहम के जैसा हूँ



देख भुलाकर रंजो गम

गुल बनकर फिर महका हूँ।



जिससे धारा फ़ूट पड़े

टूटा वही किनारा हूँ।



आँखों में क्या ढूँढ… Continue

Added by सतविन्द्र कुमार राणा on February 5, 2017 at 9:00pm — 9 Comments

कोंपलें सब खुल रही(गीत)/सतविन्द्र कुमार राणा

गीतिका छ्न्द पर गीत प्रयास(14,12)(तीसरी,दसवीं,सत्रहवीं,छब्बीस वीं लघु)अंत गुरु लघु गुरु



ठंड की ठिठुरन चली मधुमास ज्यों है आ रहा



कोंपलें सब खुल रहीं हर वृक्ष अब लहरा रहा





पीत पहने सब वसन यह प्रीत का मौसम हुआ



अब धरा देखो महकती धूप ने ज्यों ही छुआ



पर्ण अब हैं झूमते सब औ पवन है गा रहा



कोंपलें सब खुल रहीं हर वृक्ष अब लहरा रहा।





पीत वर्णी पुष्प चहुँदिक खेत में हैं खिल रहे



सब भ्रमर गाते हुए हर पुष्पदल से… Continue

Added by सतविन्द्र कुमार राणा on February 1, 2017 at 11:00am — 14 Comments

Monthly Archives

2023

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

1999

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service