Added by Dr.Prachi Singh on April 27, 2016 at 2:15pm — 7 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on April 25, 2016 at 10:28am — 9 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on April 22, 2016 at 11:44am — 6 Comments
2212,121,122,1212
पल में हुई मैं खुद से पराई कुछ इस तरह
थामी उन्होंने हाय! कलाई कुछ इस तरह
नस-नस में सिहरने हैं, निगाहों में है सुरूर
साँसों में उनकी याद समाई कुछ इस तरह…
Added by Dr.Prachi Singh on April 20, 2016 at 3:47pm — 5 Comments
११२१२, ११२१२, ११२१२, ११२१२
मुझे ज़िन्दगी की तलाश है, मुझे ख़्वाब में न मिला करो।
न करो कभी कोई वायदा, जो करो तो फिर न फिरा करो।
वो जो चीर दे कोई पाक दिल, न ही तंज ऐसे कसा करो।
बड़ी मुश्किलों से भरा हो जो, न वो जख़्म फिर से हरा करो।…
Added by Dr.Prachi Singh on April 11, 2016 at 2:48pm — 5 Comments
Added by Dr.Prachi Singh on April 6, 2016 at 1:21pm — 4 Comments
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