“माँ! तुम कह रही थी न, शादी कर ले ! सोचता हूँ, कर ही लूँ।“
“कोई पसंद है क्या ? बता दे ?”
“हाँ पसंद तो है । मेरे साथ काम करती है। तुम्हें और पिता जी को ऐतराज तो नहीं होगा ?“
“हमें क्यों ऐतराज होगा भला ! तेरी खुशी में ही हमारी खुशी है। पर हाँ! लड़की मांगलिक नही होनी चाहिए!, अपने से छोटी जाति की भी नहीं , और स्वागत में कोई कमी भी न हो !“
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by MAHIMA SHREE on April 29, 2015 at 6:30pm — 20 Comments
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