For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

AVINASH S BAGDE's Blog – April 2012 Archive (4)

पेश है हाइकु....

पेश है हाइकु....

१.लाल हथेली
   शगुन के बहाने
   मेहंदी खिली.
२.मिली बधाई
   सपना सच हुआ
   बेटी पराई.
३.सु-संस्कार
   दफना दिये मूल्य
   बंगला-कार
४.करेला है
   नीम के झाड़ पर
   खूब खेला है.
५.धोबी बेचारा
    घर का न घाट का
    गधा सहारा.
६.ये घटनाएँ
   …
Continue

Added by AVINASH S BAGDE on April 25, 2012 at 1:12pm — 13 Comments

gazal...

पतंगों को यूँ  ढील मत देना.

कभी झूठी दलील मत देना.
हालात बना देंगे मजबूर तुझे.
नादान हांथों में कील मत देना.
 दुनिया है ये ताड़ बना सकती है 
इसकी हथेली पर तील मत देना
जिरह करनी है अपने-आप से गर.
खुद को जज्बातों का वकील मत देना.
तुम्हारे घर भी इज्जत का सामान है!
सरे -राह  इशारे  अश्लील मत देना.
अविनाश बागडे.

Added by AVINASH S BAGDE on April 23, 2012 at 10:10am — 10 Comments

महकायो इस जग को.



लम्हा-लम्हा सरक रहा है,

     जीवन तेरा- मेरा.
साँस चले तक सब कुछ समझो,
     उसके बाद अँधेरा!
सफ़र अनिश्चय-भरा हुआ है,
     ठौर नहीं है बस में.
जाने कब उठ जाये जग से,
      जीवन का ये डेरा. 
कितना भी तुम रहो संभाले,
       जीवन की  ये जेबें.
हालातों की रेज़र ले के
     बैठा वक़्त…
Continue

Added by AVINASH S BAGDE on April 11, 2012 at 2:30pm — 5 Comments

कुछ दोहे.

कुछ दोहे.
१- संस्कारित माँ-बाप की,मिलती जिनको सीख.
   नहीं  मांगते  चंदा  वो,  नहीं   मांगते   भीख.
**
२- बांध सकी ना डोर से,कभी न कोई प्रीत.
    आया है तो जायेगा,जीवन की ये रीत.
**
३- लय  से ही संसार है, लय का  नाम  ह्रदय.
    लय का छूटा साथ जो, लय के बिना प्रलय.
**
अविनाश बागडे...नागपुर.

Added by AVINASH S BAGDE on April 3, 2012 at 9:59am — 10 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Sunday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service