For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शिज्जु "शकूर"'s Blog – May 2015 Archive (4)

किसी के चश्मे नम से गुज़री हैं राहें बलन्दी की

1222/ 1222/ 1222/ 1222

किसी की चश्मे नम से गुज़री हैं राहें बलन्दी की

गरीबों के शिकम* से गुज़री हैं राहें बलन्दी की                       *पेट

 

जिन्हें तू अपने पीछे यूँ तड़पता छोड़ जाता है

ये वो हैं जिनके दम से गुज़री हैं राहें बलन्दी की

 

न जाने नींद कैसे आती है ऐ बेरहम तुझको

तेरे कारे सितम से गुज़री हैं राहें बलन्दी की

 

कोई ये देख पाता काश कुछ भी कहने से पहले

कि कितने पेचो-खम* से गुज़री हैं राहें बलन्दी…

Continue

Added by शिज्जु "शकूर" on May 26, 2015 at 8:00pm — 20 Comments

है कहाँ पहचान तेरी सादगी को क्या हुआ- शिज्जु शकूर

2122/ 2122/ 2122/212

है कहाँ पहचान तेरी सादगी को क्या हुआ

शोखियों को क्या हुआ तेरी हँसी को क्या हुआ

 

मुब्तला खुदगर्ज़ियों में हो गये जज़्बात सब

क्या कहूँ अब आजकल की दोस्ती को क्या हुआ

 

रास्ते भी थम गये हैं मंज़िलें भी खो गईं

रुक गई इक मोड़ पर ये ज़िन्दगी को क्या हुआ

 

अपनी हस्ती को मिटाता जा रहा है बेखिरद

किसको फुरसत सोचने की आदमी को क्या हुआ

 

सुब्ह पहले सी नहीं मौसम भी पहले सा नहीं

हो गई…

Continue

Added by शिज्जु "शकूर" on May 11, 2015 at 4:30pm — 32 Comments

शम्स तो है वो मगर डूबा हुआ है-शिज्जु शकूर

2122 2122 2122

शम्स तो है वो मगर डूबा हुआ है

रौशनी से बेख़बर डूबा हुआ है

 

अपने होने का उसे अहसास तो हो

क्यों ग़मों में इस कदर डूबा हुआ है

 

क्या अँधेरा मेरी नज़रों में है मौजूद

या अँधेरे में ये घर डूबा हुआ है

 

रौशनी के सिर्फ इक ज़र्रे के दम पर

ठण्ड से वो बेअसर डूबा हुआ है           

 

इस जुनूने इश्क़ का होगा समर* क्या           *नतीजा

सोच में कोई इधर डूबा हुआ है

 

फिर गुजश्ता…

Continue

Added by शिज्जु "शकूर" on May 6, 2015 at 5:00pm — 18 Comments

मेरे दिल के हर इक कोने से पोशीदा अलम निकले- शिज्जु शकूर

1222/1222/1222/1222

मेरे दिल के हर इक कोने से पोशीदा अलम निकले

सो जो अल्फ़ाज़ निकले दिल से बाहर वो भी नम निकले

 

गुजश्ता* वक्त का कोई निशाँ बाकी नहीं लेकिन                                     *गुज़रा हुआ

उसी की जुस्तजू में दिल से खूँ ही दम ब दम निकले

 

किया जिस वास्ते किस्मत से शिकवा मैंने ऐ ग़मख़्वार

हकीकत में वो सारे ज़ख्म तो तेरे सितम निकले

 

किसी खूँख्वार* को मतलब नहीं ईमानो दीं से…

Continue

Added by शिज्जु "शकूर" on May 1, 2015 at 11:30pm — 48 Comments

Monthly Archives

2023

2020

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Nov 17

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service