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जब से ख़ामोश वो सिसकियां हो गईं ।
दूरियां प्यार के दरमियाँ हो गईं ।।
कत्ल कर दे न ये भीड़ ही आपका ।
अब तो क़ातिल यहाँ बस्तियाँ हो गईं ।।
आप ग़मगीन आये नज़र बारहा ।
आपके घर में जब बेटियां हो गईं ।।
कैसी तक़दीर है इस वतन की सनम ।
आलिमों से खफ़ा रोटियां हो गईं ।।
फूल को चूसकर उड़ गईं शाख से ।
कितनी चालाक ये तितलियां हो गईं ।।
दर्दो गम पर…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on July 28, 2019 at 12:17am — 2 Comments
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पूछिये मत कि हादसा क्या है ।
पूछिये दिल मेरा बचा क्या है।।
दरमियाँ इश्क़ मसअला क्या है।
तेरी उल्फ़त का फ़लसफ़ा क्या है
सारी बस्ती तबाह है तुझसे ।
हुस्न तेरी बता रजा क्या है ।।
आसरा तोड़ शान से लेकिन ।
तू बता दे कि फायदा क्या है ।।
रिन्द के होश उड़ गए कैसे ।
रुख से चिलमन तेरा हटा क्या है।।
बारहा पूछिये न दर्दो गम ।
हाले दिल आपसे छुपा क्या है ।।
फूँक कर…
Added by Naveen Mani Tripathi on July 16, 2019 at 12:00am — 2 Comments
दुश्मनी हमसे निकाली जाएगी ।
बेसबब इज्ज़त उछाली जाएगी ।।
नौकरी मत ढूढ़ तू इस मुल्क में ।
अब तेरे हिस्से की थाली जाएगी ।।
लग रहा है अब रकीबों के लिए ।
आशिकी साँचे में ढाली जाएगी ।।
चाहतें अब क्या सताएंगी उसे ।
जब कोई ख़्वाहिश न पाली जाएगी ।।…
Added by Naveen Mani Tripathi on July 11, 2019 at 12:12am — 4 Comments
221 2121 1221 212
मुद्दत के बाद आई है ख़ुश्बू सबा के साथ ।
बेशक़ बहार होगी मेरे हमनवा के साथ ।।
शायद मेरे सनम का वो इज़हारे इश्क था ।
यूँ ही नहीं झुकी थीं वो पलकें हया के साथ ।।
वह शख्स दे गया है मुझे बेवफ़ा का नाम ।
जो ख़ुद निभा सका न मुहब्बत वफ़ा के साथ ।।
माँगी मदत जरा सी तो लहज़े बदल गए ।
अब तक मिले जो लोग हमें मशविरा के साथ ।।
आँखों में साफ़ साफ़ सुनामी की है…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on July 8, 2019 at 11:00am — 10 Comments
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