थर्राहट
कुछ अजीब-सा एहसास ...
बेपहचाने कोई अनजाने
किसी के पास
इतना पास क्यूँ चला आता है
विश्वास के तथ्यों के तत्वों के पार
जीवन-स्थिति की मिट्टी के ढेर के
चट्टानी कण-कण को तोड़
निपुण मूर्तिकार-सा मिट्टी से मुग्ध
संभावनाओं की कल्पनाओं के परिदृश्य में
दे देता है परिपूर्णता का आभास ...
उस अंजित पल के तारुण्य में
सारा अंबर अपना-सा
स्नेहसिक्त ओंठ नींदों में…
ContinueAdded by vijay nikore on July 28, 2014 at 1:30am — 15 Comments
सुपरिष्कृत आस्था
भर्रायी आवाज़
महीने हो गए जाड़े को गए
क्यूँ इतनी ठिठुरन है आज
आस्था में, सचेतन में मेरे
आंतरिक शोर के ताल के छोर से छोर तक
ठेलती रही है आस्था मुझको, मैं इसको
पर आज बुखार में…
ContinueAdded by vijay nikore on July 13, 2014 at 8:00pm — 22 Comments
समय बीतता गया...
समय की आँधी क्रान्तियात्रा-सी
धुन्धले पड़ते
प्रतीक्षा और मृत्यु के सीमान्त
लड़खड़ाता साहस, विश्वास
ऐसे में स्नेह को आँधी में
दोनों हाथों से लुटा कर
कुछ मिलता है क्या
आत्मपीड़न के सिवा ?
अकेलापन
कसैलापन रसता
बचा रह जाता है
बीतती मुस्कान ओंठों पर
खाली बोतलों के पास
टूटे हुए गिलास-सी पड़ी ...
-------
-- विजय निकोर
(मौलिक…
ContinueAdded by vijay nikore on July 2, 2014 at 8:30am — 24 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |