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Abhinav Arun's Blog – September 2012 Archive (1)

कवि , उसकी कविता और तुम !

कवि , उसकी कविता  और तुम !
 
हाँ उन कविताओं को भी रचा था उसने उसी वेदना के साथ
जिनपर तुमने तालियाँ नहीं बजायीं
औंर  कई कविताओं को रचकर वह देर तक हँसा था खुद पर
जिन्हें सुनकर तुम झूम उठे थे
जानते हो लिखना और सुनाना दो  अलग अलग विधाएं हैं
और …
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Added by Abhinav Arun on September 23, 2012 at 9:30am — 18 Comments

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