कौन अपने है कौन पराये
बात हमे ये
भ्रमित और झकजोर
क्यूँ जाए
विरह के जब
मेघ मंडराए
एकल बैठ के
हम अश्रु बहाए
वेदना ने
बेहाल किया जब
असहाए तब
स्वयं को पाए
जग की रीत
है बड़ी पुरानी
हर पीड़ित की
यही कहानी
व्यथा दे जब
हमें सताये
समक्ष स्वयं के
कोई न पाए
जीवन देता
सबक सिखायें
सत्य का तब
बोध करायें
अपना…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on September 26, 2012 at 12:07pm — 2 Comments
दिल्ली का तुम हाल तो देखो
सरकार की,
जनता को दी
सौगात तो देखो
एक ओर है बढ़ी मंहगाई
उस पर फिर भ्रष्टाचार
की मार तो देखो
बिजली ने जो हल्ला बोला
छीन गया सबका
मुहँ निवाला
हो गया फिर डीजल,
पेट्रोल भी महँगा
सबके घर का
बजट बिगाड़ा,
केरोसीन फ्री जो
दिल्ली किया है
महँगा फिर
एल पी जी किया है
जोर का झटका
होले दिया है
सारी जनता को
बेहाल किया है
ऐसा तौहफा…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on September 24, 2012 at 5:37pm — 3 Comments
वक़्त भी क्या चीज है यारों
हर ओर हकूमत, इसकी छाई है
कही छाया है मातम की
तो कहीं बजी शहनाई है l
गिरगिट सा है रंग बदलता
हर्षित, भयभीत, भ्रमित कर
परिचय जग को अपना देता
रंक से राजा पल में बनता
वक़्त जिस पर मेहरबान हुआ
क्षणभर भी न टिकता जग में
काल का भयंकर जब वार हुआ
रावण राजा बड़ा निराला
अहं स्वयं के शिकार हुआ
क्षण भर में परलोक सिधारा
दुस्साहस जब वक़्त से
टकराने का था उसने किया
ग्रसित करता पलभर में…
Added by PHOOL SINGH on September 4, 2012 at 10:00am — 8 Comments
सब कुछ जग में है, नश्वर
एक ही सबका हैं, ईश्वर
हिन्दू ,मुश्लिम, सिख, ईसाई
अनेक धर्मो में बट गया जग
फिर भी मन में है, भटकन l
सच जीवन का दर्पण है
वेद पुराण में वर्णन है
समाहित कर जग कल्याण को
गीता जग में उपस्थित है
मन में फिर क्यूँ भटकन है l
कभी खिलखिला हँसता जब
ओरो को दुःख देकर
कभी असहाय बन
खुद रोता तड़प तड़प कर
कृत्य अपने स्मरण कर l
रात्रि गुजारता करवटे बदल
कभी…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on September 3, 2012 at 11:13am — 8 Comments
इन्सान की जिंदगी भी
क्या जिंदगी है
पल में गम,
और क्षण में ख़ुशी है
कभी संघर्ष का दौर तो
कभी मस्ती भरी है
कभी अपने पराये तो
पराये अपने है
जिसको ख़ुशी दी
उसी ने दिल दुखायें है
फिर भी लोगो ने देखो
बंधन हर निभाए है
कभी सपने सजोंये और
कभी ख़ुशी के दीप जलाये है
विरह वेदना से छुड़ा
अनुभूति वक़्त दे जाती है
हर्ष उल्लास के गीत सुना
दुःख से मुक्त कराती…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on September 1, 2012 at 12:18pm — 13 Comments
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