सीमांकन दूजा करे, मर्यादा सिखलाय |
पहला परवश होय तब, हृदय देह अकुलाय |
हृदय देह अकुलाय, लगें रिश्ते बेमानी |
रविकर पानीदार, उतर जाता पर पानी |
यह परिणय सम्बन्ध, पके नित धीमा धीमा |
करिए स्वत: प्रबन्ध, अन्य क्यूँ पारे सीमा -
मौलिक / अप्रकाशित
(दुर्गा-पूजा / विजयादशमी की मंगल-कामनाएं )
Added by रविकर on October 10, 2013 at 4:00pm — 11 Comments
(1)
बचपन तब का और था, अब का बचपन और |
दादी की गोदी मिली, नानी हाथों कौर |
नानी हाथों कौर, दौर वह मस्ती वाला |
लेकिन बचपन आज, निकाले स्वयं दिवाला |
आया की है गोद, भोग पैकट में छप्पन |
कंप्यूटर के गेम, कैद में बीते बचपन ||
(2)
संशोधित रूप-
तब का बचपन और था, अब का बचपन और |
तब दादी गोदी मिली, नानी से दो कौर |
नानी से दो कौर, दौर वह मस्ती वाला |
लेकिन बचपन आज, महज दिखता दो साला…
Added by रविकर on October 9, 2013 at 9:00am — 15 Comments
दुर्मिल सवैया
पुरबी उर-*उंचन खोल गई, खुट खाट खड़ी मन खिन्न हुआ |
कुछ मत्कुण मच्छर काट रहे तन रेंगत जूँ इक कान छुआ |
भडकावत रेंग गया जब ये दिल मांगत मोर सदैव मुआ |
फिर नारि सुलोचन ब्याह लियो शुभचिंतक मांगत किन्तु दुआ |
उंचन=खटिया कसने वाली रस्सी , उरदावन
मत्कुण=खटमल
अप्रकाशित / मौलिक
Added by रविकर on October 8, 2013 at 4:00pm — 6 Comments
चित की शुचिता के लिए, नित्य कर्म निबटाय |
ध्यान मग्न हो जाइये, पड़े अनंत उपाय |
पड़े अनंत उपाय, किन्तु पहले शौचाला |
पढ़ देवा का अर्थ, हमेशा देनेवाला |
रविकर जीवन व्यस्त, करे कविता जनहित की |
आत्मोत्थान उपाय, करेगी शुचिता चित की |
मौलिक /अप्रकाशित
Added by रविकर on October 5, 2013 at 5:36pm — 10 Comments
शान्त *चित्ति के फैसले, करें लोक कल्यान |
चिदानन्द संदोह से, होय आत्म-उत्थान |
होय आत्म-उत्थान, स्वर्ग धरती पर उतरे |
लेकिन चित्त अशान्त, सदा ही काया कुतरे |
चित्ति करे जो शांत, फैसले नहीं *कित्ति के |
करते नहीं अनर्थ, फैसले शान्त चित्ति के ||
चित्ति = बुद्धि
कित्ति = कीर्ति / यश
अप्रकाशित / मौलिक
Added by रविकर on October 4, 2013 at 11:00am — 11 Comments
आलू-बंडे से अलग, मुर्गी अंडे देख |
बा-शिन्दे अभिमत यही, भेजें यह अभिलेख |
भेजें यह अभिलेख, नहीं भेजे में आये |
गिरा आम पर गाज, बड़ा अमलेट बनाए |,
भेदभाव कुविचार, किचन कैबिनट में चालू |
अंडे हुवे विशेष, हमेशा काटे आलू ||
मौलिक/ अप्रकाशित
Added by रविकर on October 1, 2013 at 10:24am — 6 Comments
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