बेघर हुए हैं ख़्वाब धमाकों के साथ साथ।
वहशत भी ज़िंदा रहती है साँसों के साथ साथ॥
जब रौशनी से दूर हूँ कैसी शिकायतें,
अब उम्र कट रही है अँधेरों के साथ साथ॥
दरिया को कैसे पार करेगा वो एक शख़्स,
जिसने सफ़र किया है किनारों के साथ साथ॥
वीरान शहर हो गया जब से गया है तू,
हालांकि रह रहा हूँ हजारों के साथ साथ॥
पत्ता शजर से टूट के दरिया पे जो गिरा,
आवारा वो भी हो गया मौजों के साथ…
ContinueAdded by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on November 24, 2013 at 3:30pm — 11 Comments
फ़ुर्कत की आग दिल में लिए जल रहा हूँ मैं।
यादों के साथ साथ तेरी चल रहा हूँ मैं॥
आ जा अभी भी वक़्त है तू मिल ले एक बार,
इक बर्फ़ की डली की तरह गल रहा हूँ मैं॥
संजीदा कब हुआ है मुहब्बत में तू मेरी,
हरदम तेरी नज़र में तो पागल रहा हूँ मैं॥
तू तो भुला के मुझको बहुत दूर हो गया,
तन्हाइयों के बीच मगर पल रहा हूँ मैं॥
रोने से तेरे मिटता है हर पल मेरा वजूद,
क्यूंकी तुम्हारी आँख का काजल रहा हूँ…
ContinueAdded by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on November 18, 2013 at 11:30pm — 12 Comments
आशियाने दिल में आख़िर आजकल ठहरा है कौन।
रात दिन मेरे ख़यालो-ख़्वाब में रहता है कौन॥
किसके आने से हुई गुलज़ार दिल की वादियाँ,
हर तरफ मंज़र बहारों का लिए बैठा है कौन॥
चेहरे पे चेहरा लगाए फिर रहा है आदमी,
है बहुत मुश्किल बताना सच्चा है झूठा है कौन॥
कुछ न कुछ तो ख़ामियाँ मुझमें भी हैं तुझमें में भी हैं,
सबकी नज़रों में यहाँ तुम ही कहो अच्छा है कौन॥
है यकीं उसको यहाँ पे आने वाली है बहार,
वरना वीराने चमन…
ContinueAdded by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on November 8, 2013 at 8:00am — 16 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |