बताया जा रहा हमें
समझाया जा रहा हमें
कि हम हैं कितने महत्वपूर्ण
लोकतंत्र के इस महा-पर्व में
कितनी महती भूमिका है हमारी
ई वी एम के पटल पर
हमारी एक ऊँगली के
ज़रा से दबाव से
बदल सकती है उनकी किस्मत
कि हमें ही लिखनी है
किस्मत उनकी
इसका मतलब
हम भगवान् हो…
ContinueAdded by anwar suhail on November 13, 2013 at 8:00pm — 10 Comments
उन अधखुली
ख्वाबीदा आँखों ने
बेशुमार सपने बुने
सूखी भुरभरी रेत के
घरौंदे बनाए
चांदनी के रेशों से
परदे टाँगे
सूरज की सेंक से
पकाई रोटियाँ
आँखें खोल उसने
कभी देखना न चाहा
उसकी लोलुपता
उसकी ऐठन
उसकी भूख
शायद
वो चाहती नही थी
ख्वाब में मिलावट
उसे तसल्ली है
कि उसने ख्वाब तो पूरी
इमानदारी से देखा
बेशक
वो ख्वाब में डूबने के दिन थे
उसे ख़ुशी है
कि उन…
Added by anwar suhail on November 7, 2013 at 9:30pm — 8 Comments
वो मुझे याद करता है
वो मेरी सलामती की
दिन-रात दुआएं करता है
बिना कुछ पाने की लालसा पाले
वो सिर्फ सिर्फ देना ही जानता है
उसे खोने में सुकून मिलता है
और हद ये कि वो कोई फ़रिश्ता नही
बल्कि एक इंसान है
हसरतों, चाहतों, उम्मीदों से भरपूर...
उसे मालूम है मैंने
बसा ली है एक अलग दुनिया
उसके बगैर जीने की मैंने
सीख ली है कला...
वो मुझमें घुला-मिला है इतना
कि उसका उजला रंग और…
ContinueAdded by anwar suhail on November 4, 2013 at 7:36pm — 6 Comments
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