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Anwar suhail's Blog – November 2013 Archive (3)

मतदाता

बताया जा रहा हमें 

समझाया जा रहा हमें 

कि हम हैं कितने महत्वपूर्ण

लोकतंत्र के इस महा-पर्व में 

कितनी महती भूमिका है हमारी 



ई वी एम  के पटल पर

हमारी एक ऊँगली के

ज़रा से दबाव से 

बदल सकती है उनकी किस्मत 



कि हमें ही लिखनी है

किस्मत उनकी 

इसका मतलब

हम भगवान् हो…

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Added by anwar suhail on November 13, 2013 at 8:00pm — 10 Comments

कैसा भरम

उन अधखुली

ख्वाबीदा आँखों ने

बेशुमार सपने बुने



सूखी भुरभरी रेत के

घरौंदे बनाए

चांदनी के रेशों से

परदे टाँगे

सूरज की सेंक से

पकाई रोटियाँ

आँखें खोल उसने

कभी देखना न चाहा

उसकी लोलुपता

उसकी ऐठन

उसकी भूख

शायद

वो चाहती नही थी

ख्वाब में मिलावट

उसे तसल्ली है

कि उसने ख्वाब तो पूरी

इमानदारी से देखा

बेशक

वो ख्वाब में डूबने के दिन थे

उसे ख़ुशी है

कि उन…

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Added by anwar suhail on November 7, 2013 at 9:30pm — 8 Comments

उसके बिना...

वो मुझे याद करता है 

वो मेरी सलामती की

दिन-रात दुआएं करता है 

बिना कुछ पाने की लालसा पाले 

वो सिर्फ सिर्फ देना ही जानता है 

उसे खोने में सुकून मिलता है 

और हद ये कि वो कोई फ़रिश्ता नही 

बल्कि एक इंसान है 

हसरतों, चाहतों, उम्मीदों से भरपूर...

उसे मालूम है मैंने 

बसा ली है एक अलग दुनिया 

उसके बगैर जीने की मैंने 

सीख ली है कला...

वो मुझमें घुला-मिला है इतना 

कि उसका उजला रंग और…

Continue

Added by anwar suhail on November 4, 2013 at 7:36pm — 6 Comments

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