माँ शारदा का वरदान है प्यार
[ श्री रामकृष्ण अस्पताल सेवाश्रम, कंखल (उत्तरखंड, भारत) से ]
ऐसी ही ... प्रिय
लेटी रहो न मेरे घुटने पर सर टेके
भावनायों के निर्जन समुद्र तट पर आज
बहें हैं आँसू बहुत मध्य-रात्रि के अंधेरे में
कभी अनेपक्षित बह्ते कभी रुक्ते-रुकते
पहले इससे कि तुम्हारा एक और आँसू
मेरे अस्तित्व पर टपक कर मुझको
नि:स्तब्ध,…
ContinueAdded by vijay nikore on November 25, 2018 at 7:16pm — 8 Comments
प्रणय-हत्या
किसी मूल्यवान "अनन्त" रिश्ते का अन्त
विस्तरित होती एक और नई श्यामल वेदना का
दहकता हुया आशंकाहत आरम्भ
है तुम्हारे लिए शायद घूम-घुमाकर कुछ और "बातें"
या है किसी व्यवसायिक हानि और लाभ का समीकरण
सुनती थी क्षण-भंगुर है मीठे समीर की हर मीठी झकोर
पर "अनन्त" भी धूल के बवन्डर-सा भंगुर है
क्या करूँ ... मेरे साँवले हुए प्यार ने यह कभी सोचा न…
ContinueAdded by vijay nikore on November 9, 2018 at 6:30am — 6 Comments
अंतर्द्वन्द्व
कितने बर्फ़ीले दर्द दिल में छिपाए
किन-किन बहानों से मन को बहलाए
भीतर की गहरी गुफ़ा से आकर
तुम्हारे सम्मुख आते ही हर बार
हँस देता हूँ , हँसता चला जाता हूँ
स्वयं को छल-छल ऐसे
तुमको भी... छलता चला जाता हूँ
ऐसे में मेरी हर हँसी में तुम भी
हँस देती हो ... नादान-सी
मेरे उस मुखौटे से अनभिज्ञ
न जानती हो, न जानना चाह्ती हो
कि अपने सुनसान अकेलों…
ContinueAdded by vijay nikore on November 6, 2018 at 2:00pm — 14 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |