Added by Sheikh Shahzad Usmani on November 26, 2016 at 11:00pm — 9 Comments
कालाधन भ्रष्टाचार की नोटबंदी रूपी दीवार की आड़ लिए हुए सफ़ेद धन की गुलाबी मुद्रा को शर्माते-मुस्कराते देख कर बोला- "तुम्हें आना ही होगा एक दिन मेरे ही पास!"
"अभी या रात के अँधेरे में!"
"जब मौक़ा मिले तभी; मैं तुम में या तुम मुझ में समा जाओगी!"
"लोकतंत्र के इस बुढ़ापे में भी!" उसने शरारती अंदाज़ में कहा।
"हाँ, काले को सफ़ेद और सफ़ेद को काले में बदलने के तज़ुर्बे का यही तक़ाज़ा है!" कालेधन ने आत्मविश्वास के साथ कहा।
उसने कालेधन का हाथ थामा और स्वयं के वजूद को भूल सी…
Added by Sheikh Shahzad Usmani on November 18, 2016 at 11:30pm — 8 Comments
Added by Sheikh Shahzad Usmani on November 12, 2016 at 6:55pm — 6 Comments
Added by Sheikh Shahzad Usmani on November 9, 2016 at 8:32pm — 2 Comments
Added by Sheikh Shahzad Usmani on November 5, 2016 at 6:30pm — 11 Comments
Added by Sheikh Shahzad Usmani on November 1, 2016 at 6:02pm — 5 Comments
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