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Seema agrawal's Blog – December 2012 Archive (4)

आओ फिर से दिए जलाएं //

माननीय अटलबिहारी जी की एक रचना की प्रसिद्ध पंक्ति "आओ फिर से दिए जलाएं "से प्रेरित 

टूटे मन के खँडहर तन में 

सूने अंतर के आँगन में …

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Added by seema agrawal on December 31, 2012 at 12:30pm — 15 Comments

आज मैं चुप नहीं रहूंगी /कहानी

वो हडबडा कर उठ बैठी , तेज़ गति से चलतीं साँसें ,पसीने से भीगा माथा,थर-थर कांपता शरीर उसकी मनोदशा बयान कर रहे थे I वो बार-बार बचैनी से अपना हाथ देख रही थी I अकबका कर तेज़ी से उठी और बाथरूम की तरफ भागी I कई बार साबुन से हाथ धोया, उसकी धड़कने अभी भी तीव्र गति से चल रहीं थीं, शरीर अभी भी काँप रहा था I बेडरूम में वापस न जाकर ड्राइंग रूम में बिना…

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Added by seema agrawal on December 22, 2012 at 3:00pm — 13 Comments

विनम्र श्रद्धांजली/ पंडित रवि शंकर

पद्म विभूषण और भारत रत्न से सम्मानित पंडित रविशंकर का बुधवार सुबह अमेरिका के सेन डियागो में निधन हो गया।

विनम्र श्रद्धांजली संगीत जगत के उस चमकते सूर्य को.........

बिखरे सारे राग हैं ,सूना आज सितार

सन्नाटों में गीत है ,सूनी है झंकार

सूनी है झंकार,आँख शब्दों की है नम

खो कर 'रवि' आलोक ,स्तब्ध बैठी है सरगम

कौन किसे दे धीर ,विकल मानस हैं सारे

रोता है संगीत ,तार हैं बिखरे सारे

Added by seema agrawal on December 12, 2012 at 12:30pm — 10 Comments

समय// गीत

संगीत की विद्यार्थी हूँ ...संगीत से जुड़े कई शब्द मुझे जीवन के साथ चलते दिखते हैं | जो लोग  इन शब्दों के विशेषता से अनभिज्ञ हैं उनके लिए कुछ बताना चाहती हूँ  ..आशा करती हूँ इस सक्षिप्त व्याख्या से गीत समझने में आसानी होगी 

------किसी भी राग में षडज(स ) और  पंचम (प )स्वर अनिवार्य हैं जबकि रे,ग,म ,ध नी को वर्जित कर नए नए रागों की रचना की जाती 

........ वादी-संवादी राग के सबसे महत्त्वपूर्ण स्वर होते हैं 

-----विवादी स्वर…

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Added by seema agrawal on December 10, 2012 at 2:30pm — 9 Comments

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