जिधर देखिये, जल ही जल है बाबाजी
यहाँ सभी की आँख सजल है बाबाजी
लोग जिसे गंगाजल कह कर पीते हैं
वह गंगा का अश्रुजल है …
Added by Albela Khatri on June 8, 2012 at 8:50pm — 16 Comments
कितना झूठा, कितना साचा बाबाजी
हमने सब का चेहरा बांचा बाबाजी
अग्निपथ टू देख के दर्शक चौंक उठे
विजय से ज़्यादा हॉट है कांचा बाबाजी
जुहू तट पर अपनी अपनी आयटम संग…
Added by Albela Khatri on June 7, 2012 at 9:22am — 22 Comments
यह जो शहरीकरण हो रहा बाबाजी
हरियाली का हरण हो रहा बाबाजी
चीलें, कौए, चिड़ियाँ, तोते, तीतर संग
वनजीवन का…
Added by Albela Khatri on June 6, 2012 at 12:00pm — 20 Comments
तेज़ हवा और एक ही तीली बाबाजी
फिर भी हमने बीड़ी पी ली बाबाजी
घर की सादी छोड़ के बाहर मत ढूंढो
रंग-रंगीली, छैल-छबीली बाबाजी…
Added by Albela Khatri on June 5, 2012 at 8:00pm — 13 Comments
दहशत-वहशत, ख़ूनखराबा बाबाजी
गुंडई ने है अमन को चाबा बाबाजी
काम से ज़्यादा संसद में अब होता है
हल्ला-गुल्ला, शोर-शराबा बाबाजी
मैक्डोनाल्ड में…
Added by Albela Khatri on June 4, 2012 at 11:30pm — 25 Comments
पाने को कुछ सीख, ग़ज़ल की कक्षा में
हम भी हुए शरीक़, ग़ज़ल की कक्षा में
पकड़ ही लेंगे तिलकराजजी चूकों को
बड़ी हों या बारीक, ग़ज़ल की कक्षा में
भूल-भुलैया भूलों की जब देखेंगे
कर देंगे वे ठीक, ग़ज़ल की कक्षा में
ढूंढ रहे थे कहाँ कहाँ हम रहबर को
मिले यहाँ नज़दीक, ग़ज़ल की कक्षा में
"अलबेला" ने त्याग दिया टेढ़ा रस्ता
चलेंगे सीधी लीक, ग़ज़ल की कक्षा में …
Added by Albela Khatri on June 3, 2012 at 8:30pm — 30 Comments
फ़िल्म : सी आई डी
तर्ज़ : सौ साल पहले......
दो साल पहले मैं बेरोज़गार था, बेरोज़गार था,
आज भी हूँ और कल भी रहूँगा
दोस्तों-पड़ोसियों का कल भी कर्ज़दार…
Added by Albela Khatri on June 2, 2012 at 7:30am — 24 Comments
पप्पू ने पूछा पापा,
ये भारत बन्द क्या होता है ?
पापा मुस्कुराया
पप्पू को बताया -
बेटा,
मेरा भारत महान में लोकतान्त्रिक सरकार है
और भारत बन्द हमारा राजनैतिक त्यौहार है
जो विपक्ष द्वारा मनाया…
Added by Albela Khatri on June 1, 2012 at 9:30am — 13 Comments
आज 31 मई विश्व तम्बाकू विरोधी दिवस पर एक विशेष रचना
सुट्टों ने सोखा जिस्म, सेहतमन्दगी गई
धुंए का शौक लग गया तो ज़िन्दगी गई
छुप छुप के पीना छोड़, खुल्लेआम पी रहे
माँ की लिहाज़, बाप से शरमिन्दगी गई
गुटखा चबाने वाले की…
Added by Albela Khatri on May 31, 2012 at 4:30pm — 40 Comments
सांस में सुर सनसनाना प्यार का
ज़िन्दगी है ताना बाना प्यार का
मौत से कह दूंगा, रुक जा दो घड़ी
आने वाला है ज़माना प्यार का
यों तो हर मौसम का अपना रंग है…
Added by Albela Khatri on May 30, 2012 at 11:00am — 32 Comments
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