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Rahul Dangi Panchal's Blog (41)

वक्त और मुझमे लडाई है

२१२२ २१२२ २१२२ २



बादे मुद्दत फिर मुझे वो याद आयी है!

फिर किसी ने फूल से तितली उडाई है!!



फिर चुभा है दिल में मेरे याद का कंकड!

फिर से उसने आतमा मेरी दुखाई है!!



इसमें उसकी कुछ ख़ता ना है जमाने सुन!

दरअसल इस वक्त और मुझमें लडाई है!!



राख बनकर उड गये दिल जाँ जिगर अरमाँ!

इस तरह उसने मेरी चिट्ठी जलाई है!!



देख ली सारी ये दुनिया और खुदा को भी!

इस जहाँ में सिर्फ़ अपना अपनी माँई है!!



फेंक डाला दिल मेरा उसने गुमां है… Continue

Added by Rahul Dangi Panchal on December 5, 2014 at 12:30pm — 11 Comments

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