heres this girl....
she says shes fine.
she says everything is ok.
she smiles,she laughs.
she even has many friends.
but that girl,
she may say shes fine
but she is not ok.
everything is falling apart,..
Added by Rupal Singh on April 17, 2010 at 10:19pm —
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Every woman dreams of meeting that special man that knows how to fulfill her heart’s romantic desires. Speaking of that special someone; is your special someone a lover or just an average Joe? No pun intended if your guy’s name is Joe. This article will outline the 27 characteristics of a loving man. If your man is one of them, then you must do all that you can to make sure he does not slip through your fingers. However, if he falls in the average Joe category, then help him by telling him what…
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Added by Rupal Singh on April 17, 2010 at 10:12pm —
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रोज़ एक ज़ख्म नया दिल पे लगाया तूने
मेरी हंसती हुई आँखों को रुलाया तूने
खो चुका था मै गमो दर्द के सन्नाटों में
मेरी बेताब तमन्ना को जगाया तूने
मेरी उल्फत को न समझी है न समझेगी कभी
जब भी फुर्सत मिली इस दिल को दुखाया तूने
गैर की बज़्म सजाने के लिए तूने सनम
मुझसे हर रोज़ बहाना ही बनाया तूने
तेरा एक एक सितम हंस के "अलीम" ने सहा
उसके lab पर कभी शिकवा तो न पाया…
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Added by aleem azmi on April 17, 2010 at 7:04pm —
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अब तो दिन ढल चूका है चले आईये
दिल धड़कने लगा है चले आईये
जाने फिर अब मुलाकात हो न हो
दिल लबों पर रुका है चले आईये
भीग कर रुक न जाए कही आज फिर
देखो बादल उठा है चले आईये
दिल परेशा है नींद आती नहीं
दीप बुझने लगा है चले आईये
दिल की दहलीज़ पर आकर रुक क्यों गए
सारा घर आपका है चले आईये
मेरे दिल में एक काँटा चुभा है "अलीम"
ख़त उन्होंने लिखा है चले आईये
Added by aleem azmi on April 15, 2010 at 4:37pm —
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आँखों में बस के दिल में समां कर चले गए
ख्वाब्दीदा ज़िन्दगी थी जगा कर चले गए
चेहरे तक आस्तीन वह लाकर चले गए
क्या राज़ था की जिसको छुपाकर चले गए
रगरग में इस तरह समां कर चले गए
जैसे मुझ ही को मुझसे चुरा के चले गए
आये थे दिल की प्यास बुझाने के वास्ते
एक आग सी वह और लगाकर चले गए
lab थर थरा के रह गए लेकिन वो ऐ "अलीम "
जाते हुए निगाह मिलाकर चले गए .
Added by aleem azmi on April 14, 2010 at 11:26am —
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ऐसे लोग.. वैसे लोग..
मिरे जैसे नहीं होते अब,
मिरे चेहरे जैसे लोग..
किताबों में ढूढ़ते..
गुजरते वक़्त को,
कब के गुजर गए;
गुजरे वक़्त जैसे लोग..
ये काबा तेरा;
ये शिवाला मेरा,
नींदों में कंधा बाँटते..
ये सरहदों जैसे लोग..
मंदिर की चौखट पे;
होती थी बैठकबाजी,
जाने कब मुसलमाँ बने;
ये मज़हबों जैसे लोग..
अजमत-ए-खुदा थी;
जो रंग-ए-सुर्ख दिया,
कल ज़मीन से निकलते;
नीले-पीले से लोग..
लिखता हूँ नज़्म;
बन जाती है…
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Added by विवेक मिश्र on April 13, 2010 at 9:55am —
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खुद से रु ब रु होने के बाद भी
हम अपनी पहचान के लिए
आएने क्यों तलाशते हैं
आएने झलक दिखा देते हैं
जिस्मानी अक्स की
रुहानी अक्स की पहचान
हम इन में कहाँ पाते हैं
Added by rajni chhabra on April 12, 2010 at 9:28am —
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हम जिंदगी से क्या चाहते हैं
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हम खुद नहीं जानते
हम जिंदगी से क्या चाहते हैं
कुछ कर गुजरने की चाहत मन में लिए
अधूरी चाहतों में जिए जाते हैं
उभरती हैं जब मन में
लीक से हटकर ,कुछ कर गुजरने की चाह
संस्कारों की लोरी दे कर
उस चाहत को सुलाए जाते हैं
सुनहली धुप से भरा आसमान सामने हैं
मन के बंद अँधेरे कमरे में सिमटे जाते हैं
चाहते हैं ज़िन्दगी में सागर सा विस्तार
हकीकत में कूप दादुर सा जिए जाते…
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Added by rajni chhabra on April 11, 2010 at 12:50pm —
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इक कमरे का है ये मकाँ...
यहाँ आदमियों की जगह नहीं,
खाने को दो दिनों की भूख है
पीने को रिस-रिसकर बहता पानी
बेरंग सी दीवारों की मुन्तज़िरी,
औ छत की रोती सी दीवारें
गोशों में…
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Added by विवेक मिश्र on March 12, 2010 at 12:00am —
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कवि - निदा फाज़ली
Added by Admin on February 24, 2010 at 10:20am —
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ज़िन्दगी की किताब से
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ज़िन्दगी की किताब से
फट जाता है जब
कोई अहम पना
अधूरी रह जाती है
जीने की तमन्ना
कभी कभी बागबान से
हो जाती है नादानी
तोड़ देता है ऐसे फूल को
जिसके टूटने से
सिर्फ शाख ही नहीं
छा जाती है
सारे चमन में वीरानी
रह जाता है मुरझाया पौधा
सीने में छुपाये
दर्द की कहानी
जिस पौध को पानी की बजाए
सींचना पड़ता हो
अश्कों ओर नए खून से
उस दर्द के पौधे का
अंजाम क्या…
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Added by Admin on March 11, 2010 at 10:30pm —
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सब जान के चुप चाप अब सहत बानीहम होश में बेहोश हो रहत बानी…
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Added by PREETAM TIWARY(PREET) on March 17, 2010 at 9:19pm —
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कवि - श्री बालश्वरुप राही
Added by Admin on February 24, 2010 at 10:14am —
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कवि - श्री अटल बिहारी बाजपेयी
Added by Admin on February 24, 2010 at 10:05am —
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