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Rash Bihari Ravi's Blog (153)

प्यार तो मैं भी करता हूँ ,

प्यार तो मैं भी करता हूँ ,
पर कहने से डरता हूँ ,
कारण जग विदित हैं ,
उन्हें आरक्षण जो मिला हैं
इसी से डरता हूँ ,
शादी हम से करे ,
आरक्षण का फायदा ,
कही और उठायें ,
कारण यही हैं ,
कदम उठाने से डरता हूँ,
प्यार तो मैं भी करता हूँ ,

Added by Rash Bihari Ravi on July 3, 2010 at 3:30pm — 3 Comments

अपना दुःख किससे कहू मैं ,

अपना दुःख किससे कहू मैं ,

यहा कौन हैं सुनने वाला ,

हर तरफ फैला अन्धियारा ,

धधक रही दहेज की ज्वाला ,



बेटी के बाप तो हमभी हैं ,

बड़ी मुश्किल से पढ़ा पाए ,

हम खाय आधपेट मगर ,

बेटी को हम बी कॉम कराए ,



लड़का बढ़िया खोज रहा हु ,

दहेज़ के बिना हैं परेशानी ,

अब सोचता हु क्यों पढ़ाया ,

जन्मते क्यों नहीं नमक खिलाया ,



मर गई होती ये तब ,

परेशानी ये ना आती अब ,

ये लड़का वालो जरा समझो ,

हम भी पढाये ये तो समझो… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on June 24, 2010 at 4:00pm — 5 Comments

सुन्दरकांड से

सुन्दरकांड

जामवंत के बचन सुहाए ! सुनि हनुमंत हर्दय अति भाए !!

तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई ! सहि दुख कंद मूल फल खाई !!

जब लगि आवों सीतहि देखी ! होइहि काजू मोहि हरष बिसेषी !!

यह कहि नाइ सबन्हि कहूँ माथा ! चलेउ हरषि हिएँ धरि रघुनाथा !!

सिंधु तीर एक भूधर सुन्दर ! कौतुक कूदी चढ़ेउ ता ऊपर !!

बार बार रघुबीर संभारी ! तरकेउ पवनतनय बल भारी !!

जेहि गिरि चरन देई हनुमंता ! चलेउ सो गा पाताल तुरंता !!

जिमि अमोध रघुपति कर बाना ! एही भांति चलेउ हनुमाना !!

जलनिधि… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on June 12, 2010 at 7:14pm — 7 Comments

कुछ बाते जो बुजुर्गो से सुना हु ध्यान देने योग हैं ,

कुछ बाते जो बुजुर्गो से सुना हु ध्यान देने योग हैं ,

१. नाशवान को महत्व देना ही बंधन हैं ,
२ सत्य ही कलिकाल की तपस्या हैं ,
३. नम्रता से कही हुई कठोर बाते भी अच्छी लगती हैं,
४ वस्तु , ब्यक्ति से सुख लेना महान जड़ता हैं,
५. यदि शांति चाहते हो तो कामना का त्याग करो ,
६. परमात्मा की प्राप्ति में भाव की प्रधानता हैं.
७. सच्ची बात को मान ले ये सत्संग हैं.
८. कiम करते समय भगवान को मत भूलो ,

अच्छा लागे तो गाठ बांघ लो भाई ,

Added by Rash Bihari Ravi on June 12, 2010 at 6:45pm — 1 Comment

पिचकू पाड़े ,

डॉक्टर के पास पहुचे प्यारे प्यारे पिचकू पाड़े ,

बोले डाक्टर साहब क्या काम है पिचकू भाई ,

संग में जो आये बोले, परेशान हैं पिचकू पाड़े ,

बावन जोड़ा पूड़ी रात में ये खाये थे ,

संग में दही तीन किलो उड़ाये थे ,

घर का खाना ये कभी न खाते हैं ,

एक दिन खाकर तीन दिन तक पचाते हैं

सुबह से परेशान हैं, होती हैं खूब दौड़ाई ,

रुक जाये भागम-भाग,जल्दी दे दो कुछ दवाई ,

डाक्टर बोला थोड़ा कम तो खाओ यार ,

उम्र बढ़ी हैं कुछ तो अपना रखो ख्याल ,

डॉक्टर को भी बडे प्यार… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on June 11, 2010 at 8:00pm — 2 Comments

दिल में सवाल था ,

दिल में सवाल था ,
बड़ा बेमिसाल था ,
लेकिन हम डर डर के ,
अनोखा काम किया ,
था तो सुंदर वो ,
उसको सजाकर मैं ,
अति सुंदर किया ,
जिस के पास भाई ,
अह ना आये ,
उसी का नाम गुरु ,
सही में कहलाये ,
आपने जो कहा ,
वही सर आखो पे ,
मेरे लिए कुछ भी करे ,
सर अब ना डरे ,
डर से अपना ही ,
होना नुकसान था ,
दिल में सवाल था ,
बड़ा बेमिसाल था ,

Added by Rash Bihari Ravi on June 10, 2010 at 2:30pm — 2 Comments

मैं इन्सान हु इंसानियत भूल गया ,

मैं इंसान हू ,

इंसानियत भूल गया ,

मानवता से कुछ लेना देना नहीं .

वो हमसे कोशो दूर गया ,

आपकी नजर में ,

मानवता के लिए जो हम लड़ते हैं ,

हम अपने फायदा के काम करते हैं ,

जगह जगह पोस्टर लगवाता हू ,

काम से ज्यादा अपना नाम चमकाता हू ,

मैं खुद को इतना बुलंद करना चाहता हू ,

की सामने वाला भींगी बिल्ली लगे ,

मैं इंसान हू ,

इंसानियत भूल गया ,

कोई सड़क पर मर रहा हैं .

पानी के लिए तरस रहा है,

मैं मानवता का पक्षधर हू ,

सरकार ने लाल… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on June 10, 2010 at 1:00pm — 2 Comments

ना मैं तुलसी हू....

मैं ना तो कोई तुलसीदास

जो दोहावली सजाऊँ,

ना ही मैं कबीर कोई

कि भजनमाल बुन पाऊँ !



सूरदास की भक्ति कहाँ

जो गीत श्याम के गाऊँ,

ओज सुभद्रा सा भी नहीं,

ना टैगोर का सुर बना पाऊँ !



फिर भी दिल में ये चाहत है,

में दिल की बात सुनाऊँ,

और प्यार दोस्तों का कहता है,

में भी कलम उठाऊँ !



मुझमे ऐसा कुछ भी नहीं,

कि में कुछ भी बन जाऊं,

प्यार आपका होगी वजह,

जो कुछ सार्थक कह पाऊँ !



मित्रों की प्रेरणा शक्ति… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on June 9, 2010 at 2:00pm — 3 Comments

पेंडुलम .

पेंडुलम .

पेंडुलम यही समझ रहे हो ना मुझे ,

यही भूल अगली सरकार की थी ,

और तुम्हे मिल गया ये मलाई ,

जिसे बारे प्यार से आपस में ,

बाटकर मस्ती से खा रहे हो ,

हमें चाहिए एक होनहार कर्मनिस्ट,

जो समझे हमें जाने हमें ,

और तुम हो की जानना ही नहीं चाहते ,

लोकतंत्र में युवराज दिखा रहे हो ,

यही ना हमें पेंडुलम समझ कर ,

उल्लू बना रहे हो ,

जिस जनता को तूम उल्लू समझ रहे हो ,

ओ सब जानती हैं ,

कोई पानी तक नहीं मांगता ,

जब ओ मरती हैं… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on June 9, 2010 at 12:55pm — 4 Comments

नेट पे होती है बाते ,

नेट पे होती है बाते ,

फिर होती है मुलाकाते ,

यारो दिल की सुनो ,

कहता हु दोस्ती के नाते,

ये तो सुनहरा मौका ,

देता हैं (ओ बी ओ )

प्यार से मिलो और ,

प्यार में ही जिओ ,

गुरु के संग गणेश जी ,

और सतीश जी ,

पावन स्थल पटना,

मंदिर महाबीर की ,

तीनो जो हम मिले ,

दोस्ती दिल के खिले ,

लगता नहीं था यारो ,

पहली बार हम मिले ,

बरसो की दोस्ती हो ,

हो बरसो से मिलते रहे ,

दिल में बहुत हैं बाते ,

और मैं क्या कहू… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on June 3, 2010 at 4:00pm — 6 Comments

क्यों मुझे सताती हो यैसे एक झलक दिखलाकर ,

क्यों मुझे सताती हो यैसे एक झलक दिखलाकर ,
क्या मिलता हैं तुझको यैसे में मुझे तरपाकर ,
जानती हो तुझको ही चाहू रखा हु दिल में बसाकर ,
सातों जनम का साथ हैं अपना साबित करू अपनाकर ,
क्यों मुझे सताती हो यैसे एक झलक दिखलाकर ,
मेरी नेह के नाता जानम तेरी सुन्दर काया नहीं ,
जनम जनम का प्रीत का खेल तब मिले हम यही ,
एक बार तू पास तो आओ मुझे समझो अंग लगाकर ,
बात मेरी मनो मुझको जानो देखो न नजर मिलकर ,
क्यों मुझे सताती हो यैसे एक झलक दिखलाकर ,

Added by Rash Bihari Ravi on May 28, 2010 at 2:30pm — 3 Comments

मुझे गर्व हैं की मैं पिता हु ,

हा मैं पिता हु ,
और मुझे गर्व हैं ,
की मैं पिता हु ,
माँ को दुःख था ,
की मैं पिता नहीं हु ,
घर वाले परेशान रहते थे ,
की मैं पिता नहीं हु ,
आज मैं पिता हु ,
सब खुस हैं ,
माँ रहती तो ओ भी ,
खुश होती ,
मेरी पत्नी कहती हैं ,
की मैं पिता हु ,
कसम से मैं झूठ नहीं बोलता ,
मैं पिता हु ,
अपने दो बच्चो का पिता हु ,

Added by Rash Bihari Ravi on May 25, 2010 at 1:43pm — 6 Comments

आज सुबह मैंगलोर में जो बिमान दुर्घटना हुआ,

आज सुबह मैंगलोर में जो बिमान दुर्घटना हुआ, ओ टी भी पर देख के बड़ा दुःख हुआ जो लोग गुजर गए भगवन उनके आत्मा के सान्ती दे ,

Added by Rash Bihari Ravi on May 22, 2010 at 3:22pm — 4 Comments

गुरु को फासी कब चढाओगे ,

ओ दिल्ली वालो ,

हमें इतना बताओ ,

हिन्दुस्ता पे जो खाज परे हैं ,

उसको कब मिटाओगे ,

अफजल गुरु को ,

फासी कब चढाओगे ,

हिन्दुस्ता पे बहुत ऐसे खाज हैं ,

उसको मिटाना जरुरी आज हैं ,

मेहमान बनाके कब तक ,

पैसा लुटाओगे ,

अफजल गुरु को ,

फासी कब चढाओगे ,

मेरी नहीं ये ,

देश की मांग हैं ,

आपको तो भोट दीखता ,

हमें हिंदुस्तान हैं ,

हिंद में ख़ुशी का ,

दिन कब लावोगे ,

अफजल गुरु को ,

फासी कब चढाओगे ,

हिन्दू ,… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on May 20, 2010 at 2:10pm — 5 Comments

माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,

माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,

जनता माफ़ नहीं करेगी बोलेगी शैतान ,

जनता के नाम पर हिंदुस्तान को जला रहे हो ,

बिदेसी पैसा ले ले कर मौज मस्ती मन रहे हो ,

कब तक डरेगी जनता जिसे तू डरा रहे हो ,

जिस दिन डरना बंद करेगी हो जाओगे परेशान ,

माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,

झारखण्ड , छत्तीसगढ़ बंगाल में हाहाकार मचाये ,

बिहार में भी तुमने करोरो का तेल जलाये ,

मारते हो आम आदमी को जिसदिन ओ जागेगा ,

नजर नहीं आओगे मिट जायेगा नमो निसान… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on May 20, 2010 at 1:41pm — 4 Comments

आत्म हत्या के नयाब तरीका ,

आत्म हत्या के नयाब तरीका ,

कोई केश नहीं बनेगा ,

पकडे जाने पर मुकदमा नहीं चलेगा ,

अब तो आप जानना चाहेंगे ,

आत्म हत्या के नयाब तरीका ,

दोस्ती से सुरु होती हैं,

आन बान शान तक जाती हैं ,

कभी जान कर ,

तो कभी अनजाने में ,

लोग अपनाते हैं ,

आत्म हत्या के नयाब तरीका ,

आइये आपकी इंतजार ख़तम करे ,

तो सबसे पाहिले ,

तम्बाकू सेवन करे ,

इससे काम न बने तो ,

शराब को अपनाये ,

साथ में सिगरेट या ,

सिंगर जलाये ,

और जल्दी हो तो… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on May 13, 2010 at 5:13pm — 8 Comments

ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,

ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,

ओपन बुक्स ऑनलाइन तो आप का अपना घर है ,

सुबह से साम तक रहता आपका इंतजार हैं ,

ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,

गजले योगराज प्रभाकर, आशा पाण्डेय, अलीम के ,

इनका भी जबाब कहा भाई विवेक, सतीश मपतपुरी हैं ,

आइये ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,

कविता पे राज करे बहन रजनी छाबरा ,

संग राजू की रचना बिरेश, अर्पण की मस्ती हैं,

आइये ओपन बुक्स ऑनलाइन पे आपका स्वागत हैं ,

लेख रतनेश और अभिषेक , अमरेंदर… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on May 13, 2010 at 3:46pm — 4 Comments

कास मैं होता कुत्ता

कास मैं होता कुत्ता अयरा गैरा नहीं एलसिसियन ,

अयरे गैरे रोड पर मरे परे मिलते हैं ,

खाने के लिए रोटी नहीं मिलती ओ भी सुखी .

दूध मलाई मांस का टुकरा तो खाता,

अगर होता मैं एलसिसियन कुत्ता ,

चलने के लिए सायकल नहीं मिलती ओ भी टुट्टी,

कर के पिछले सिट पर आराम से जाता ,

अगर होता मैं एलसिसियन कुत्ता ,

सोने के लिए टाट नहीं मिलती ओ भी फट्टी,

मखमली गद्दे पर आराम से सोता ,

अगर होता मैं एलसिसियन कुत्ता ,

ये प्रभु इ गलती को फिर मत दुहराना ,

अगले जनम… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on May 10, 2010 at 3:33pm — 4 Comments

सुक्रिया, सुक्रिया, आपको सुक्रिया,

सुक्रिया, सुक्रिया, आपको सुक्रिया,

आपने जो दिल मुझको दिया ,

सुक्रिया, सुक्रिया, आपको सुक्रिया,

आपही से दिन मेरा होता हैं सुरु ,

आपही साम ढले रात होती है सुरु ,

रात हुई सपनों में दरस दिया ,

सुक्रिया, सुक्रिया, आपको सुक्रिया,

कब तलक यैसे मुझे तुम सताओगे ,

चुपके छुपके मिलने कब तक बुलाओगे ,

आपको ही सनम दिल ये दिया ,

सुक्रिया, सुक्रिया, आपको सुक्रिया,

आपका मैं हुआ ये अब जानिए ,

आपही मेरे पिया ओ हजूर मानिये ,

ओ पिया ओ पिया सुक्रिया,… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on May 8, 2010 at 2:00pm — 5 Comments

मेरी मुहब्बत थोरी जुदा हैं ,

मेरी मुहब्बत थोरी जुदा हैं ,

मेरा ये दिल तुमपे फ़िदा हैं ,

तेरी अदा मुझको तो भाए ,

तेरी सूरत मन में सजाये ,

तुही तो अब मेरा खुदा हैं ,

मेरी मुहब्बत थोरी जुदा हैं ,



तेरे लिए ही जीना ,

तेरे लिए ही मरना ,

जब तक हैं जीवन ,

तुमसे ही प्यार करना ,

प्यार तू करले प्यार ,

प्यार तू करले यार ,

कातिल बड़ी तेरी अदा हैं ,

मेरी मुहब्बत थोरी जुदा हैं ,



मैं तो ये कहना चाहू ,

बात मेरी मान जा ,

दिल मेरा क्या चाहे ,

ये… Continue

Added by Rash Bihari Ravi on May 7, 2010 at 2:47pm — 3 Comments

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