चार दिन भी हुए नहीं ब्याह के उसको आए हुए
उसके नाम की चर्चा में हैं मनचले बौहराये हुए
बस्ती में चर्चा है काफी उसके लम्बे बालों की
लोग तारीफे कर रहे हैं उसके गोरे गालों की
पति प्रेम है उसका सच्चा, तन से है वो थोड़ा कच्चा
अगन प्यास की बुझा ना पाए, है अकल से पूरा बच्चा
तन की प्यास बुझाने को वो दिल ही दिल में व्याकुल…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 24, 2022 at 10:55am — No Comments
आज का दिन है बड़ा सुहाना, हवा में खुशियां फैली है
आओ मिलकर ख़ुशी मनाए, घाटी ने बाहें खोली है
सत्तर साल से जिन पैरों को, जंजीरों ने जकड़ा था
घाटी के दामन को अब तक, जिन धाराओं ने पकड़ा था
ख़त्म हुआ अनुच्छेद आज वो, अब तुम खुलकर साँसे लो
कदम बढ़ाओ तुम भी आगे, इस राष्ट्र पुरुष (अखण्ड भारत) के संग हो लो
शायद थोड़ी देर हुई है, ये पहले ही हो जाना…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 23, 2022 at 10:04am — 2 Comments
(वोट के पहले)
वोट माँगने आए हैं, जोड़ कर दोना हाथ
बोले कभी न छोड़ेंगे, हम जनता का साथ
इस जनता का साथ, कभी जो हमने छोड़ा
उम्मीदों का तार, जैसे हो हम हीं ने तोड़ा
भूखा होगा कोई ना, ना सोएगा खाली पेट
हर कोई शिक्षा पाएगा, विद्यालय में…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 22, 2022 at 10:30am — No Comments
भैंसे पर बैठे हुए आ धमके यमराज
बोले बच्चा खत्म हुए सकल तुम्हारे काज
अपने सभी परिजन को देख ले अंतिम बार
यमलोक को जाने को तुम अब हो जाओ तैयार
वो बोली मैं चलती हूँ बस काम पड़े है चार
कपडे, बर्तन बाकि है धर दूँ मैं आचार
रसोई अभी तक हुई नहीं, नहीं बना आहार
कैसे अभी मैं चल पडू छोड कर ये…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 18, 2022 at 12:29pm — No Comments
याद आ रही है
उन गलियों की
जहां खेल कर मैं बड़ा हुआ
उन राहों की जो आज भी
मेरे मन मे बसते है
वो कच्चा मकान
जिसमे मेरा बचपन बिता
वो छोटी दुकान जिसमे ना जाने
कितनी उधारी रह गयी…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 17, 2022 at 1:00pm — 2 Comments
क्या?
क्या कहा तुमने ?
अब और जी ना पाओगे
चल पड़े हो लम्बे सफर पर
अब कभी लौट के ना आओगे
मैंने देखा है तुम्हे
रात को छुप के तन्हाई…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 16, 2022 at 11:30am — 2 Comments
सुबह निंद से जागा तो मैं काँप उठा
सर्दी कड़क की थी पर मेरे तन से भांप उठा
एक जकड़न सी थी पूरे बदन मे मेरे
हाथ ऊपर जो उठाया तो बदन जाग उठा
पहले कभी मुझे ऐसा लगा ही नहीं
मर्ज़ हल्का हीं रहा कभी बढ़ा ही नहीं
लगा ये रोग मुझे कैसे क्या बताऊँ मैं
कभी बदनाम उन गलियों मे मैं गया ही नहीं
थोड़ी सर्दी थी लगी और ये तन तपता था
ज़रा बदन भी मेरा आज जैसे दुखता था
सर दबाया मैंने खूब मगर फर्क पड़ा हीं नही
एक…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 15, 2022 at 12:01pm — No Comments
क्या होगा मेरे मरने के बाद?
मेरी लाश को उठाएंगे
नाक को दबाते हुए
शरिर को छूएँगे मगर
खुदको बचाते हुए
बच्चे कुछ दिन रोएँगे, गाएँगे
मेरी यादों मे डूब जाएंगे
बीबी की चूड़ियाँ तोडी जाएगी
सिंदूर मिटाया जाएगा
सफ़ेद सारी पहनाई जाएगी
कुछ लोग जो…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 14, 2022 at 12:17pm — 7 Comments
हज़ारों यहाँ इश्क़ में बीमार बैठे है
जीस गली में देखो दो चार बैठे है
किसी काम में अब जी नहीं लगता इनका
लोग कहते है की ये सब बेकार बैठे है
उंगलिया हटती नहीं कभी इनकी चैटिंग से
वक्त मिलता नही इनको कभी भी डेटिंग से
हर दिन बदलते है ये प्रोफाइल कपड़ो की तरह
फर्क पड़ता है इन्हे बस टिंडर की सेटिंग से
साथ इनके है अभी कल कोई नया आएगा
भूल जाएगा ये भी वो भी इन्हें भूल जाएगा
दिल का टूटना तो बस एक छलावा है
ये किसी…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 12, 2022 at 11:44am — No Comments
रंग है ये शान का रंग है ये आन का
वीरों के मान का देश के अभिमान का
रंग है बखान का प्राणों के दान का
सीमा पर जो मर मिटे उनके बलिदान का
रंग है ललकार का शत्रु पर वार का
शेरों से जा भिड़े जो उनके हुंकार का
रंग है ये आस का मन के विश्वास का
दुष्टों को ताड़ दे उस शुभ के आभास का
रंग है प्रताप का रंग है सुभाष का
तिलक का रंग है और रंग है आज़ाद का
रंग है कमान का वीरों के बाण का
आश्रित कभी न हो उस सत्य के प्रमाण…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 11, 2022 at 12:47pm — No Comments
तु देखे ना देखे मुझे तुझ पर छोडा है
पर मैं ना देखूं तुझे ये मुमकिन ही नहीं
तु चाहे ना चाहे मुझे ये तेरी मर्ज़ी है
पर मैं ना चाहूँ तुझे ये मुमकिन नहीं
एक सच ये भी है की तु बस मेरी है
ये तु ना माने, बात कुछ खास नहीं
कभी फुर्सत में भी ना देखना तू आईना
अक्स मेरा तुझमे ना दिख जाए…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 10, 2022 at 12:30pm — No Comments
सैकड़ो शब्द हमने लिखे लैपटॉप, टैबलेट पर
कलम को जब उठाया लिखने का मज़ा आया
स्काइप और डुओ में कई बार सबको देखा
गले लग के दोस्तों से मिलने का मज़ा आया
बेतुकी सी कई बाते चैटिंग में हमने बोली
संग बैठ कर गरियाये बकने का मज़ा आया
गाना और सावन में हज़ारो गाने सुन डाले
ताल ढोलक पर जब लगाया गाने का मज़ा…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 9, 2022 at 9:53am — 1 Comment
जब मैं चलता हूँ तो साथ साथ वो भी चलती है
जहां मैं मुड़ा कहीं मेरे साथ वो भी मुड़ जाती है
रूप रंग में हाव-भाव में बिल्कूल मेरे जैसी है
मैं तो दीखता हूँ हर जगह वो कहीं-कहीं छुप जाती है
सूरज हो या चाँद फलक पर इसको फर्क नही पड़ता
खोली हो या हो कोई हवेली इसको डर नहीं लगता
आगे पीछे ऊपर निचे ये कही भी हो सकती है
टेढ़ी मेढी छोटी मोटी ये कैसी भी हो सकती…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 7, 2022 at 11:38am — 1 Comment
चिड़ियों के चहक में आज कोलाहल था शोर था
उत्तर के पुरे आसमान में काले बादल का ज़ोर था
पेड़ अभी तक शांत खड़े थे धूल की ना कोई रैली थी
सूरज अब तक ढला नहीं था ना तो अंधियारी फैली थी
हवा थमी फिर सूरज चमका गर्मी थोड़ी और बढ़ी
काले बादलों की एक टोली आसमान में और चढ़ी
एक तरफ थे काले बादल एक तरफ उजियरा था
तभी कहीं पर चमकी…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 5, 2022 at 12:31pm — 1 Comment
काँप उठता है बदन और धड़कने बढ़ जाती हैं
शब्द अटकते है जुबां पर साँसे भी थम जाती हैं
लाल हो जाती है आंखें भौह भी तन जाती हैं
सैकड़ो ख्याल मन को एक क्षण में घेरे जाती हैं
खून बेअदबी से तन में फिर बेधड़क है भागता
नींद से आँखे भरी पर रात भर है जागता
मन किसी भी काम में फिर कहीं लगता नहीं
अपने हीं विचार पर ज़ोर तब चलता…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 4, 2022 at 11:30am — No Comments
आसमान से टूटा तारा उल्का बनकर दौड़ चला
अन्धकार के महाशून्य में पाने अपनी राह चला
घर छूटने का तो दुःख था साथ टूटने का ग़म भी
अंतिम बार जो मुड़के देखा उसके नैन हुए नम भी
उसके वेग से महाशून्य में ज़ोर की गर्जन फ़ैल गयी
मिलों तक फिर ऊर्जा फैली अंधियारे को लील गयी
अभी जन्म हुआ था उसका चाल में अभी लड़कपन था
सालो बीते चलते चलते अब आने वाला यौवन था
सिर भागता था आगे उसका पूँछ दूर तक फैली थी
पीछे फैली कई मील तक तुक्ष पिंड की रैली…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 3, 2022 at 11:40am — No Comments
उसकी एक हंसी से बगिया की सारी क्यारी खिल गयी
आज हमारे उदासी घर को ढेर सी खुशियां मिल गयी
दिए जलाओ ख़ुशी मनाओ फूलों का झूला तैयार करो
लक्ष्मी चल कर घर है आई मिलकर उसका सत्कार करो
जिसके कर्म बड़े अच्छे हो बड़े पुण्य के काम किए
कर्म फल उनको है मिलता कन्या का अवतार लिए
जिसके घर में बेटी जन्मी , वो घर स्वर्ग बन जाता है
माँ बाप का पूरा जीवन तभी सफल हो जाता है
उसके घर में ना होने से जग सुना हो जाता है
चाहे भीड़ बरी हो घर में…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 2, 2022 at 11:27am — 3 Comments
कुछ दिन पहले तक ही तो,वो घुटनो के बल चलती थी
अपनी तुतलाती भाषा में, पापा-पापा कहती थी
पहली बार जो अपने मुँह से, पहला शब्द वो बोली थी
मुझे याद अब भी वो तो, पापा ही तो बोली थी
कल ही की तो बात है उसने, गुड़िया मुझसे माँगा था
मेरे काम के थैले को कल ही, खूंटी पर उसने टांगा था
कल तक जो मेरे घुटनो के, ऊपर तक ना बढ़ पाई थी
अपने पैरों पर चल कर वो,…
ContinueAdded by AMAN SINHA on February 28, 2022 at 10:44am — No Comments
कम्बख्त ये वक्त , बड़ा बेरहम है
खुद ही दवा है अपनी, खुद में ये जखम है
हाथ होता है मगर ये, साथ होता है नहीं
हक़ में लगता है मगर ये, हक़ में होता है नहीं
क्या बला की शै है ये, खुद को ही दोहराता है
बन कभी तस्वीर खुद की, गुमशुदा हो जाता है
शख्श है आवारा जाने, क्यूँ कहीं रुकता नहीं
कोई भी हो सामने पर, ये कभी झुकता नहीं
साथ जिसके ये हुआ, अर्श पर छा जाएगा
सर पे जिसके आ गिरा, वो ख़ाक में मिल जाएगा
कोई कितना भी बड़ा हो,…
ContinueAdded by AMAN SINHA on February 26, 2022 at 1:58pm — No Comments
जीवन साथी है वो मेरी, साथ हमेशा रहती है
सुख हो या हो दुःख के दिन, पास सदा वो रहती है
साथ फेरों का बंधन बांधे, घर मेरे जब आई थी
खुद से पैसे बच ना पाते, बस इतनी मेरी कमाई थी
घर आई वो साथ में अपने, ढेरों खुशियां ले आयी
मेरे मन के अंधियारे को, दूर किसी को दे आयी
टुटा फूटा डेरा मेरा, सबकुछ उसने अपनाया
दो दिन में ही उस डेरे को ,महलों जैसा मैंने पाया
बिखरा बिखरा जीवन मेरा, जैसे तैसे चलता था
कभी यहाँ पर कभी वहाँ पर, युहीं…
ContinueAdded by AMAN SINHA on February 25, 2022 at 11:30am — No Comments
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