जागे रहते वीर जवान | |
जान हथेली पर ले चलते , भारत माँ के वीर जवान | |
देश दुनिया शांती चाहते , मेरा देश कितना महान | |
छुप छुप कर बैरी वार करें , मुश्किल में दे देते जान | |
सात समुंदर पार गरजते , भारत माँ की है पहचान | |
करें सफाया डाकूवों का , आतंकी होते हैरान | |
देश विदेश सह परेशानी , बढ़ाते हैं देश की शान | |
कहीं पड़ते जब थपेड़े में , दे देते हैं अपनी जान | |
हर पल तत्पर ही रहते हैं , शेर की तरह सीना तान | |
जल थल नभ से हैं चौकन्ना , फ़ौरन चलें होकर सवार | |
भारत माँ की शान बढाते , शोभें लेकर नव हथियार | |
हर मौसम में चलते रहते , चाहे चले कोई बयार | |
वतन से दूर रह खुश रहते , छोड़ दूर अपना परिवार | |
सीमा की करते रखवाली , पड़ोसियों का रखते ध्यान | |
आतंकी बस घूस न जाये , देश भी ना सहे अपमान | |
जंगल या कोई हो पहाड़ , बढ़ते रहते सीना तान | |
वर्मा लोग चैन से सोते , जागे रहते वीर जवान | |
श्याम नारायण वर्मा |
Comment
सुंदर रचना, बधाई.....
जवानो की सराहना में रचना के लिए, उन्हें जाग्रत करती रचना के लिए बधाई श्री श्याम नारायण वर्मा जी
आदरणीय वर्मा जी
सुन्दर प्रयास
बधाई
भारत माँ के वीर जवानों को समर्पित इस गौरवगान के लिए बधाई आ० श्याम नारायण वर्मा जी
देश के गौरव वीर जवानो की शौर्य गाथा में चली आपकी कलम को नमन इंगित की हुई त्रुटियों के सुधार से रचना और निखर जायेगी हार्दिक बधाई आपको जय हिन्द
बहुत ही सुन्दर और सहजता के साथ आपने वीरों का सौर्यगान किया है
बहुत बहुत बधाई हो ......जय हिन्द जय माँ भारती
तत
आदरणीय बागी सर और अशोक सर के कहे से सहमत हूँ
आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सादर, देश के वीर जवानो का स्तुति गान और उनके शौर्य का बखान करती सुन्दर रचना पर बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. आदरणीय बागी जी की बात से मैं सहमत हूँ साथ ही कुछ त्रुटियों पर भी कार्य की अपेक्षा करता हूँ. "डाकूवों" डाकुओं, "घूस" घुस. और एक पंक्ति "वतन से दूर रह खुश रहते" यह पंक्ति तो सिपाही के कार्य के विपरीत कथन है.मुझे आशा है आप मेरे कहे को अन्यथा नहीं लेंगे. मैंने मित्रवत त्रुटी जान आपका ध्यान आकर्षित कराने का प्रयास किया है.सादर.
आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी, देश प्रेम से ओत प्रोत बहुत ही सुन्दर भाव पिरोयें है, आप १६,१५ मात्रा पर रचने का प्रयास किया है, फिर भी आतंरिक संयोजन के कारण गेयता बाधित है, यदि इस रचना को गुनगुनाते हुए कुछ शब्दों में हेर फेर किया जाय तो यह रचना और अधिक अच्छी हो सकेगी ।
इस अभिव्यक्ति पर अतिशय बधाई प्रेषित है ।
अतिसुन्दर! हार्दिक बधाई। सादर,
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