For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नहीं मालूम उसे बीमारी क्या है...

मेरे बदन में ये खुमारी क्या है
लो हम आ गए हैं तैयारी क्या है,

अच्छा खासा कारोबार मिट गया
दुकानदार से पूछो उधारी क्या है,

हम आपसे भी सलीके से निभा लेते
ये बताओ अपनी रिश्तेदारी क्या है,

तुम भी यार किससे सवाल करते हो
बेईमानों से पूछा है ईमानदारी क्या है,

वो रोज दवा लेने अस्पताल जाता है
नहीं मालूम उसे बीमारी क्या है।।
— मौलिक व अप्रकाशित
— अतुल

Views: 418

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by savitamishra on July 30, 2014 at 2:35pm

बहुत बढ़िया


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 22, 2014 at 12:36am

आप अपनी ऐसी प्रस्तुतियों को यदि ग़ज़ल की संज्ञा देना चाहते हैं तो उसके मिसरों का वज़न दे दिया करें. साथ ही, अन्य ग़ज़लकारों की प्रस्तुतियों को भी देखें, पढ़ें.

शुभेच्छाएँ ..

Comment by Meena Pathak on July 20, 2014 at 6:16pm

बहुत खूब ...बधाई 

Comment by Santlal Karun on July 20, 2014 at 7:51am

आदरणीय अतुल जी,

अच्छी ग़ज़ल प्रस्तुति नवीन भावों के साथ; साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !

Comment by वेदिका on July 18, 2014 at 11:52am
अच्छी रचना है। हार्दिक बधाई!
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 17, 2014 at 11:58pm

अच्छा खासा कारोबार मिट गया
दुकानदार से पूछो उधारी क्या है,.......वाह! बहुत बढ़िया. बधाई आदरणीय अतुल जी

Comment by Zaif on July 17, 2014 at 6:05pm
Wah janab !!
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 17, 2014 at 4:00pm

अतुल जी

अति सुन्दर i

हम आपसे भी सलीके से निभा लेते
ये बताओ अपनी रिश्तेदारी क्या है,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
18 minutes ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
12 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सुन, ससुराल में किसी से दब के रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरे भाई, हमने कोई फ्री में सादी थोड़ी की…"
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
18 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र ji कृपया देखिएगा सादर  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे मुहब्बत का होगा असर धीरे…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"चेतन प्रकाश जी, हृदय से आभारी हूं।  साप्ताहिक हिंदुस्तान में कोई और तिलक राज कपूर रहे होंगे।…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद आदरणीय धामी जी। इस शेर में एक अन्य संदेश भी छुपा हुआ पाएंगे सांसारिकता से बाहर निकलने…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय,  विद्यार्जन करते समय, "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" नामक पत्रिका मैं आपकी कई ग़ज़ल…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"वज़न घट रहा है, मज़ा आ रहा है कतर ले मगर पर कतर धीरे धीरे। आ. भाई तिलकराज जी, बेहतरीन गजल हुई है।…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service