For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


दिन भर का उत्साह है, पन्द्रह दिन का प्यार
हिंदी हित कुछ झूठ-सच, कुछ भावुक उद्गार ..

 

सरकारी है घोषणा, सजे-धजे हैं मंच
'हिंदी भाषा राष्ट्र की', दिन भर यही प्रपंच

 

'हिंदी-हिंदी' कर सभी, बजा रहे निज गाल
हम भकुआए देखते.. 'हिंदी-दिवस' उबाल

 

माँ-बोली को जानिए ज्यों माता का प्यार
फिर हिंदी की बाँह धर.. सीखें जग-व्यवहार !
***
(मौलिक और अप्रकाशित) 

Views: 542

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 16, 2020 at 2:35pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपने दोहों में लेखन  

दोहों में कर टिप्पणी.. किया हमें अति मुग्ध 

ओबीओ का यह पटल, विद्वत सुधी प्रबुद्ध ! 

हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय 

Comment by Samar kabeer on September 15, 2020 at 12:06pm

जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब, बहुत उम्द: तंज़ में डूबे अच्छे दोहे कहे आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

बचपन से हम 'हिन्दी' शब्द को आधे न से लिखते पढ़ते आये हैं,लेकिन आजकल जिसे देखो इस शब्द की "हिंदी" अनुस्वार से लिखने लगा है,आपने भी इसे "हिंदी" ही लिखा है,ऐसा क्यों? कृपया इस पर थोड़ा प्रकाश डालने का कष्ट करें ।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 14, 2020 at 6:50pm

आ. सौरभ पांडे जी सादर नमस्कार 

बहुत सटीक प्रहार किया है आपने आज के दिखावे पर 

बधाई स्वीकारें 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 14, 2020 at 2:59pm

आ. सौरभ सर,

दिवस मनाने के ढकोसले को बेहतरीन ढ़ंग से उजागर करते हुए दोहों के लिए बधाई 

सादर 

Comment by Sushil Sarna on September 14, 2020 at 2:31pm

आदरणीय सौरभ जी, सादर प्रणाम, हिंदी दिवस पर यथार्थ को उजागर करती बेहतरीन दोहावली। दिल से बधाई स्वीकार करें सर। सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 14, 2020 at 11:38am

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन । हिन्दी दिवस की सच्चाई उजागर करते उत्तम दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई ।

हिन्दी का गुणगान कर, बढ़चढ़ कर सब आज
कल से फिर नियमित करो, अंग्रेजी में काज।।
**
बच्चे सब कन्वेन्ट में, बढ़चढ़ पढ़ने भेज
हिन्दी के सम्मान में, इक दिन चीखो तेज।।
**
पखवाड़ा हिन्दी मना, मानद राशि डकार
केवल इक दिन के लिए, इंगलिश ताज उतार।।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सादर नमस्कार आदरणीय। 'डेलिवरी बॉय' के ज़रिए पिता -पुत्र और बुज़ुर्ग विमर्श की मार्मिक…"
54 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। लघु आकार की मारक क्षमता वाली लघुकथा से गोष्ठी का आग़ाज़ करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"डिलेवरी बॉय  मई महीने की सूखी गर्मी से दिन तप गया था। इतने सारे खाने के पैकेट लेकर तीसरे माले…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया लघुकथा हुई है। यह लघुकथा पाठक को गहरे…"
4 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान'मैं सुमन हूँ।' पहले ने बतया। '.........?''मैं करीम।' दूसरे का…"
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"स्वागतम"
11 hours ago
Nilesh Shevgaonkar joined Admin's group
Thumbnail

सुझाव एवं शिकायत

Open Books से सम्बंधित किसी प्रकार का सुझाव या शिकायत यहाँ लिख सकते है , आप के सुझाव और शिकायत पर…See More
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। विलम्ब से उत्तर के लिए…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आ. भाई धर्मेंद्र जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आयोजन की सफलता हेतु सभी को बधाई।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। वैसे यह टिप्पणी गलत जगह हो गई है। सादर"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service