Tags:
Replies are closed for this discussion.
अनैतिक लिप्साओ का यही अंत होता है | पात्र का नाम ' लिप्सा' ही रचना का मूल संदेश देने में समर्थ है \ जहां तक मेरी समझ कहती हैकी यहाँ मानवीय भावनाओं को पात्रों के माध्यम से उकेरा गया है /जन्म-म्रत्यु के सवालों से परे इस मनो-विज्ञान को कथा रूप किस तरह दिया जाता है ,आपकी इस रचना से सीखा हूँ मैं | बहुत-बहुत आभार अपने लेखन द्वारा इस अध्याय को प्रेक्टिकली समझाने हेतु | सादर
अपने अंतर्मन के भय से जूझती हुई लिप्सा के मनोभावों को उजागर करती अच्छी लघुकथा हुई है अग्रज आ० डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी I हार्दिक बधाई I
हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ गोपाल नारायन जी ! बहुत अच्छी लघुकथा है!विषय का चुनाव और प्रस्तुतीकरण दौनों ही सराहनीय हैं!
अपराधबोध इंसान को खुद ही मार डालता है किन्तु अपराधबोध सबको कहाँ होता है ..अच्छी लघु कथा ..हार्दिक बधाई आ० डॉ .गोपाल भाई जी |थोडा जल्दी में हूँ बाहर जाना है शुभरात्रि
जग से चाहे भाग ले कोई मन से भाग न पाए . सुंदर रचना हुई आदरणीय गोपाल नारायण जी .
अंत समय में सब याद आ ही जाता है , बहुत प्रभावशाली प्रतैकात्मक रचना , बहुत बहुत बधाई आपको
आकांक्षाओं के बोझ पर हावी विदेशी डॉलर के कर्ज तले ममता ,विश्वास दब कर नेस्तनाबूद हो ही जाती है।आज की हकीकत के तने -बाने पर बुनी गयी , बहुत ही सुन्दर और सार्थक लघुकथा की प्रस्तुति हुई है यहां मंच पर आदरणीया कल्पना जी। बधाई स्वीकार करें।
वाह ! किसी न माँ बाप के लिए विदेशी कर्ज् लिया , कहानी में कई मोड़ है और अच्छे हैं . सादर .
कोई जवाब नहीं इस लघुकथा, यह हमारे समाज की ऐसी सचाई है , जिस से हम मुँह नहीं मोड़ सकते, जैसे प्रवास की रफ्तार तेज़ हो गई , अब तो ........
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |