For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 24413

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

जनाब नुनव्वर अली ताज साहिब,

अच्छे अश्आर निकाले आपने, मुबारकबाद आपको,,

मुहतरम अफरोज़  सहर साहिब

मुबारकबाद के लिए तहे दिल से शुक्रिया

शुक्र करना  भी आएगा  मुझको 

" सब्र करना तो आ गया है मुझे वाह! वाह!! बहुत ही उम्दा ग़ज़ल का मक्ता ।

                    शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद आदरणीय मुनव्वर अली ताज साहब । आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब की इस्लाह का संज्ञान लें

मोहतरम जनाब मुनव्वर अली ताज साहिब, मुशायरे में सहभागिता और इस ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद आपको

आ. मुनव्वर अली ताज साहब,

उम्दा ग़ज़ल हुई है ..बहुत बहुत   बधाई .

चौथे शेर में तक़ाबुल-ए-रदीफ़ की सूरत बन रही है ..
उसकी बदलाव में भी अटपटापन है, देखिएगा..
सादर 

अच्छी ग़ज़ल है आदरणीय मुनव्वर अली 'ताज' साहिब। मेरी तरफ़ से भी हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। वैसे आपने सच कहा है, हुस्न अक्सर सबको चूना लगा जाता है... हा हा हा... सादर।

मुहतरम जनाब मुनव्वर अली ताज साहिब आदाब ,

बहतरीन अशआर से सजी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत मुबारक बाद और दाद हाज़िर कर रहा हूं

क्या कहने हैं मोहतरम मुनव्वर अली ताज साहिब। बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है। सभी अशआर मानीखेज़ हुए हैं, अलबत्ता तीसरे शेअर में "कच्चा चबा गया है" और नौवें में "हुस्न  चूना लगा गया" बदमज़गी पैदा कर रहा हैं। बहरहाल दाद के साथ साथ मेरी दिली मुबारकबाद भी स्वीकार करें। 

मुनव्वर साहब की ग़ज़ल मुझे नहीं दिख पा रही है। सुरख़ाब साहब के बाद सीधे यही पेज आ रहा है।

आदरणीय मुनव्वर अली ताज साहब, आपकी ग़ज़ल के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाइयाँ

शुभ-शुभ

आद० मुनव्वर अली जी बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर मुबारकबाद लीजिये 

आदरणीय मुनव्वर साहब, मुहावरों का बहुत अच्छा इस्तेमाल किया है. उम्दा अशआर हुए हैं हार्दिक बधाई. 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Dayaram Methani जी आदाब  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है।  ग़ज़ल 2122 1212 22 .. इश्क क्या…"
23 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम चंद गुप्ता जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और दाद-ओ-तहसीन से नवाज़ने के लिए तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, सबसे पहले ग़ज़ल पोस्ट करने व सुंदर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ग़ज़ल 2122 1212 22..इश्क क्या चीज है दुआ क्या हैंहम नहीं जानते अदा क्या है..पूछ मत हाल क्यों छिपाता…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई अमरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और सुझाव के लिए आभार।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service