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भजन.....हे! बजरंगीभजन.....हे! बजरंगी हे! बजरंगी दया तुम्हारी, क्यों कर मुझ पर नही हुई।मैं आफत-विपदा का मारा, मेरी गल्ती कहॉं हुई।। सुबह सबेरे मैं नित उठ कर… Started by केवल प्रसाद 'सत्यम' |
0 | Apr 1, 2014 |
सीतान्वेषी रामछंद - मालिनीपरिभाषा -इस छंद के प्रत्येक चरण में १५ वर्ण आठवे तथा फिर सातवे वर्ण पर विराम देकर होते हैं i प्रत्येक चरण में दो नग… Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव |
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Mar 30, 2014 Reply by रमेश कुमार चौहान |
'मामेकं शरणम् व्रज 'छुधित गरुण ने डैने फैलाये I एक लम्बी उड़ान भरी I नीचे हिमालय का नीरव साम्राज्य था I अचानक उन्हें एक भयानक भुजंग दि… Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव |
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Nov 26, 2013 Reply by annapurna bajpai |
नन्द लाला नन्द लालानन्द लाला नन्द लाला नन्द लाला नन्द लाला नन्द लाला नन्द लाला ।जय हो आके दर्शन हमको अब दे दो दीन दयाला । जब से तुम हो गये मथुरा के महारा… Started by बसंत नेमा |
0 | Nov 22, 2013 |
अनुरोध (कविता) अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवहेलो- हाय का अर्थ नहीं, फिर भी कहते हैं हाय- हेलो। फोन, मोबाइल… Started by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव |
0 | Nov 11, 2013 |
" टेसू..उत्सव" लेखमध्यप्रदेश के नर्मदांचल क्षेत्र, जो की पूर्वी निमाड़ व मालवा से लगा हुआ है, में नवरात्रि के पश्चात्, विजयादशमी से लेकर शरद-पूर्णिमा तक एक उ… Started by जितेन्द्र पस्टारिया |
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Oct 18, 2013 Reply by जितेन्द्र पस्टारिया |
तू भगवती शारदेहरिगीतिका छंद (चतुष्पदी मात्रिक छंद16,12 पर यति 5वी,12वी 19वी एवं 26वी मात्रा लघु पदांत गुरू) हे श्वेत हंस विराजनी मां, तू भगवती शारदे । त… Started by रमेश कुमार चौहान |
0 | Oct 14, 2013 |
“ काली महिमा ”“ काली महिमा ” हे भवानी जय माँ दुर्गा हे काली अब दया करो । जगत जननी ममतामयी माँ पालनहारी कृपा करो ।। चारो तरफ है घोर अन्धेरा माँ अब तु… Started by बसंत नेमा |
0 | Oct 9, 2013 |
‘दुर्गा सप्तश्लोकी स्तोत्र’ समस्त ओ बी ओ परिवार को नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनाएं‘दुर्गा सप्तश्लोकी स्तोत्र’ को हिंदी में छंदबद्ध कर अनुवाद करने का प्रयास किया है माँ इस नादान की त्रुटियों को क्षमा करें जय हो माँ तुम्हार… Started by SANDEEP KUMAR PATEL |
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Oct 8, 2013 Reply by SANDEEP KUMAR PATEL |
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!खाऊँ नही अन्न, जल पीऊँ भी न निराहार काटूँ घड़ियां!माई तीजा अखंड सौभ… Started by वेदिका |
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Oct 6, 2013 Reply by SANDEEP KUMAR PATEL |
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