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जयनित कुमार मेहता
  • Male
  • Araria,Bihar
  • India
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जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"जनाब मो० अनीस अरमान जी, ग़ज़ल पर आपकी दाद मिली, इसके लिए आपका दिली शुक्रगुजार हूं।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीया रचना भाटिया जी, सादर नमस्कार। ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति एवं हौसला अफजाई का बहुत बहुत शुक्रिया।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय अजय कुमार जी, सादर नमस्कार। आपका हार्दिक धन्यवाद।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय दंडपाणि जी, सादर नमस्कार। आ० समर कबीर जी की बात से सहमत हूं। ऐसा लगता है आपने जल्दबाजी में ग़ज़ल कही/पोस्ट की है। "करवाटें" नहीं "करवटें".., "शाम" ढलती है, और "शामें" ढलती हैं.., चौथे शेर का ऊला…"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"जनाब मो० अनीस अरमान साहब, आदाब। तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा हुआ है। मुशायरे में शिरकत के लिए हार्दिक बधाई आपको।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय दिनेश कुमार जी, सादर नमस्कार। बहुत अच्छी तरही ग़ज़ल पेश की आपने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। मतले के संबंध में आ० अमित जी का सुझाव उपयोगी है। गौर कीजिएगा। सादर।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीया रचना भाटिया जी, सादर नमस्कार। तरही मिसरे पर ग़ज़ल कहने का अच्छा प्रयास किया है आपने। आपकी ग़ज़ल पर गुणीजनों द्वारा विस्तृत चर्चा हो चुकी है। इससे आपकी रचना और खूबसूरत हो जाएगी। आयोजन में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय अजय जी, सादर नमस्कार। तरही मिसरे पर ग़ज़ल कहने का प्रयास अच्छा है। दूसरे शेर का अर्थ स्पष्ट नहीं हो रहा है, कि आप किसे संबोधित कर रहे हैं..और ऐसा कुछ कहने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है। छठे शेर में "कुचलते" की जगह "मसलते"…"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय रवि शुक्ला जी, सादर प्रणाम। बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने। मुशायरे में सम्मिलित होने हेतु आपको हार्दिक बधाई। इस मंच पर आपसे बहुत कुछ सीखने को मिला है। आशा है आपका आशीर्वाद आगे भी प्राप्त होता रहेगा। सादर।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय गजेंद्र जी, सादर नमस्कार। तरही मिसरे पर ग़ज़ल कहने का प्रयास सराहनीय है। आयोजन में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको। आपसे निवेदन है कि इस मंच पर किसी भी आयोजन में सम्मिलित होने/ रचना साझा करने से पूर्व कृपया संबंधित नियम व शर्तें एक बार देख…"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय डॉ० अशोक गोयल जी, सादर नमस्कार। तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल प्रस्तुत की है आपने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय निलेश जी, सादर नमस्कार। तरही मिसरे पर बहुत अच्छी ग़ज़ल पेश की आपने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय अजय कुमार जी, सादर नमस्कार। तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल प्रस्तुत की आपने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। गुणीजनों ने एक से बढ़कर एक सुझाव दिए हैं, जो आपकी ग़ज़ल में निखार लाने के साथ हम ग़ज़ल के विद्यार्थियों के लिए भी बहुत उपयोगी है। पांचवें शेर…"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"जनाब नादिर ख़ान साहब, आदाब। तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही आपने। विद्वजनों ने मूल्यवान सुझाव भी दिए हैं, जो ग़ज़ल की खूबसूरती बढ़ाने में सहायक होगा। हार्दिक बधाई आपको।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय नाथ सोमांचली जी, सादर नमस्कार। ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति एवं उत्साहवर्धन का हार्दिक आभारी हूं।"
May 27
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सादर नमस्कार। ग़ज़ल पर उपस्थिति एवं उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभारी हूं।"
May 27

Profile Information

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Araria,Bihar
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Profession
Student
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जयनित कुमार मेहता's Blog

इक वह्म ऐतबार से आगे की चीज़ है (ग़ज़ल)

 221  2121  1221  212

ख़ुशबू, चमन, बहार से आगे की चीज़ है।

जो ज़िंदगी है, प्यार से आगे की चीज़ है।

जारी है एक जंग जो ग़म और ख़ुशी के बीच,

यह जंग जीत-हार से आगे की चीज़ है।

अक्सर उफ़ुक़ को देख के आता है ये ख़याल,

कुछ है जो इस हिसार से आगे की चीज़ है।

कैसे बताऊं किस पे टिकी है मेरी निगाह,

मंज़िल से, रहगुज़ार से आगे की चीज़ है।

हद्द-ए-निगाह से भी परे है कोई वजूद,

इक वह्म ऐतबार से आगे की चीज़…

Continue

Posted on September 15, 2022 at 10:30am — 7 Comments

साज-श्रृंगार व्यर्थ है तेरा (ग़ज़ल)

2122   1212   22

जितना बढ़ते गए गगन की ओर
उतना उन्मुख हुए पतन की ओर

साज-श्रृंगार व्यर्थ है तेरा
दृष्टि मेरी है तेरे मन की ओर

फल परिश्रम का तब मधुर होगा
देखना छोड़िए थकन की ओर

मन को वैराग्य चाहिए, लेकिन
तन खिंचा जाता है भुवन की ओर

"जय" भी एकांतवास-प्रेमी है
इसलिए आ गया सुख़न की ओर

(मौलिक व अप्रकाशित)

Posted on September 4, 2022 at 1:25am — 7 Comments

निकलेगा आफ़ताब इसी आसमान से (ग़ज़ल)

221   2121  1221  212

क़ीमत ज़बान की है जहाँ बढ़के जान से

है वास्ता हमारा उसी ख़ानदान से

चढ़ना है गर शिखर पे, रखो पाँव ध्यान से

खाई में जा गिरोगे जो फिसले ढलान से

पल - पल झुलस रही है ज़मीं तापमान से

मुकरे हैं सारे अब्र अब अपनी ज़बान से

काली घटाएँ रास्ता रोकेंगी कब तलक?

निकलेगा आफ़ताब इसी आसमान से

ये दौलतों के ढेर मुबारक तुम्हीं को हों

हम जी रहे हैं अपनी फ़क़ीरी में शान से

क्या-क्या न हमसे छीन…

Continue

Posted on August 25, 2018 at 11:03am — 8 Comments

सब कुछ उपलब्ध है दुकानों में (ग़ज़ल)

2122 1212 22



सब हैं मसरूफ़ अब उड़ानों में

देखिये भीड़ आसमानों में



प्यार? ईमान? दोस्ती? जी हाँ

सब कुछ उपलब्ध है दुकानों में



भुखमरी,बालश्रम,अशिक्षा..सब

मिट चुके हैं फ़क़त बयानों में



पत्थरों से उन्हीं की यारी है

जो हैं शीशे-जड़े मकानों में



सच्चे हीरे की है तलाश अगर

जा! भटक कोयले की खानों में



बच्चे लड़-भिड़ के खेलने भी लगे

गुफ़्तगू बंद है सयानों में



फ़र्श से अर्श पर मैं जा पहुँचा

कितनी ताक़त है देखो… Continue

Posted on September 26, 2017 at 8:06pm — 14 Comments

Comment Wall (6 comments)

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At 11:19am on November 6, 2017,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आदरणीय जयनित जी जन्‍म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं

At 12:59pm on January 27, 2016, kanta roy said…

बेहद गर्व का पल  ! बहुत -बहुत बधाई आपको आदरणीय जयनित  जी  "महीने का सक्रिय सदस्य"  बनने हेतु। 

At 8:17pm on January 16, 2016, जयनित कुमार मेहता said…
आदरणीय गणेश जी,
इस सम्मान के लिए मैं OBO परिवार के प्रति हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ।
At 8:13pm on January 16, 2016, जयनित कुमार मेहता said…
जन्मदिवस की शुभकामनाओं के लिए आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ,आदरणीय रवि शुक्ला जी..

(विलम्ब से प्रत्युत्तर के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ)
At 4:28pm on January 16, 2016,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय

जयनित कुमार मेहता जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में विगत माह आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 1:26pm on November 6, 2015, Ravi Shukla said…

जयनित जी जन्‍म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं

 
 
 

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