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Rohit Singh Rajput
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देखा एक स्वप्न

एक खवाब जो देखा था

सपने जो आँखों में संजोये थे

अरमान जो दिल में बरसे थे

तरसे थे सारी रातें

बरसे थे आँखों से ये दरिया

तड़पी थी ये रूहें

बुलंद थे ये होंसले

तेज थी आँखों में

छूना था आस्मां को

पाना था सारा जहाँ

जीना था उन सपनों को

करना था कुछ ऐसा

बन कर दिखाना था सरे जहाँ को

करनी थी दुनिया मुट्ठी में

कुछ कर गुजरने की तमन्ना थी

कुछ बदलने की आंस थी

कुछ ऐसी ख्वाइश थी

बस देखा एक स्वप्न था

आँखों जो…

Continue

Posted on April 11, 2013 at 4:30pm — 8 Comments

जिंदगी का सफ़र

कभी कभी सोचता हूँ

यह जिंदगी मुझे कहाँ ले कर चल पड़ी

क्या सोचा था क्या हुआ था

क्या खोया था क्या रोया था

न जाने कितनी थी मजबूरियां इतनी

किस मोड़ पे ले आई है ये जिंदगी

में कहाँ आ खड़ा हूँ

होश आई तो पता चला में किस मोड़ पे खड़ा पाया

जिंदगी तेरे संग जीना सीख लिया

तेरे गीत गुनगुनाता हूँ

तेरे संग चलता हूँ

खूबसूरत सफ़र है तू

हरदम हर पल कुछ नया है

कुछ कर गुजरने की तमन्ना है तू

खुशियाँ की बौछार है

हर दिन एक नया…

Continue

Posted on May 31, 2012 at 6:30pm — 8 Comments

क्या होती हैं ये यादें

यादें क्यों याद आती हैं

क्यों होती हैं ये यादें

क्या कहना चाहती हैं ये यादें

क्यों तड़पाती हैं ये यादें

क्यों याद आती हैं ये यादें

क्यों ना भुला कर भी भुला पाती हैं ये यादें

क्यों बार बार भिगो देती हैं नयनो को ये यादें

क्यों दुख देती हैं ये यादें

क्यों कमजोर बनाती हैं ये यादें

क्यों भावुक बनाती हैं ये यादें

क्यों धुंधली हो कर भी गायब नही होती हैं ये यादें

क्यों मिटाए ना मिटती हैं ये यादें

क्यों लौट आती हैं धुंधली यादें भी

क्यों… Continue

Posted on July 31, 2011 at 4:53pm — 3 Comments

प्यार का नसीब

पसंद तो हर कोई आ जाता है,

किसी भी इंसान को आप अपनी पसंद

आसानी से बना सकते हो पर

प्यार हर किसी इंसान से नही होता

ज़रूरी नही कि आप जिसे पसंद करे

जिसे चाहते है उसी से आपको प्यार हो

प्यार तो कब किससे और

कहाँ हो जाए पता ही नही चलेगा

जब प्यार होता है तब उसका

सौंदर्य नही देखा जायेगा 

ना ही आप ये देख पयेंगे कि

आपकी पसंद क्या थी

----------------------------------

हर किसी इंसान से प्यार नही होता

हर किसी की किस्मत इतनी

अच्छी… Continue

Posted on June 12, 2011 at 2:00pm — 3 Comments

Comment Wall (8 comments)

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At 9:21pm on April 9, 2013, केवल प्रसाद 'सत्यम' said…

आ0 रोहित जी, आपका हार्दिक अभिनन्दन है...सादर,

At 12:58am on June 23, 2012, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

स्वागत  आप का ...कृपया अपना सुझाव और स्नेह बनाये रखें --भ्रमर ५ 

At 5:26pm on July 31, 2011, Sanjay Mishra 'Habib' said…

स्वागत मित्र...

At 8:49am on April 25, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 4:22pm on July 30, 2010,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…

At 10:39pm on July 27, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 10:11pm on July 27, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 9:33pm on July 27, 2010, Admin said…

 
 
 

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"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
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"सुविचारित सुंदर आलेख "
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"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
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