क़ज़ा के वास्ते ये इंतिज़ाम किसका है ।
तेरे दयार में जीना हराम किसका है ।।
उसे है ख़ास ज़रूरत जरा पता करिए ।
बड़े सलीके से आया सलाम किसका है ।।
दिखे हैं रिन्द बहुत तिश्नगी के साथ वहाँ ।
कोई बताए गली में मुकाम किसका है ।।
है जीतना तो ख़यालात ऐब…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on January 21, 2019 at 8:30pm — 3 Comments
1222 1222 122
अभी तक आना जाना चल रहा है ।
कोई रिश्ता पुराना चल रहा है ।।
सुना है शह्र की चर्चा में आगे ।
तुम्हारा ही फ़साना चल रहा है ।।
इधर दिल पर लगी है चोट गहरी ।
उधर तो मुस्कुराना चल रहा है ।।
कहीं तरसी जमीं है आब के बिन ।
कहीं मौसम सुहाना चल रहा है ।।
तुझे बख्सा खुदा ने हुस्न इतना ।
तेरे पीछे ज़माना चल रहा है ।।
दिया था जो वसीयत में तुम्हें वो ।
अभी तक वह खज़ाना चल रहा है…
Added by Naveen Mani Tripathi on January 16, 2019 at 11:37pm — 14 Comments
2122 2122 212
आज उनका है ज़माना चुप रहो ।
गर लुटे सारा खज़ाना चुप रहो ।।
क्या दिया है पांच वर्षों में मुझे ।
मांगते हो मेहनताना चुप रहो ।।
रोटियों के चंद टुकड़े डालकर ।
मेरी गैरत आजमाना चुप रहो ।।
मंदिरों मस्ज़िद से उनका वास्ता ।
हरकतें हैं वहिसियाना चुप रहों ।।
लुट गया जुमलों पे सारा मुल्क जब ।
फिर नये सपने दिखाना चुप रहो ।।
दांव तो अच्छे चले थे जीत के ।
हार पर अब…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on January 8, 2019 at 12:30pm — 10 Comments
शायद वह दीवानी है ।
लड़की जो अनजानी है ।।
दिलवर से मिलना है क्या ।
चाल बड़ी मस्तानी है ।।
इश्क़ हुआ है क्या उसको ।
आँखों में तो पानी है ।।
खोए खोए रहते हो ।
यह भी इक नादानी है ।।…
Added by Naveen Mani Tripathi on January 6, 2019 at 11:55am — 3 Comments
तरन्नुम बन ज़ुबाँ से जब कभी निकली ग़ज़ल कोई ।
सुनाता ही रहा मुझको मुहब्बत की ग़ज़ल कोई ।।
बहुत चर्चे में है वो आजकल मफ़हूम को लेकर ।
जवां होने लगी फिर से पुरानी सी ग़ज़ल कोई ।।
कभी यूँ मुस्कुरा देना कभी ग़मगीन हो जाना ।
वो छुप छुप कर तुम्हारी जब कभी पढ़ती…
Added by Naveen Mani Tripathi on January 6, 2019 at 11:21am — 3 Comments
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