221 2121 1221 212
दिल से सवाल होठों से ताले नहीं गए.
दुनिया के ज़ुल्म खाक में डाले नहीं गए
.
जिस दिन से इंतज़ार तेरा दिल से मिट गया,
उस दिन से मेरे दिल में उजाले नहीं गए.
अपनी समझ से कैसे बने बच्चों का वजूद,
अपनी समझ से शेर तो ढाले नहीं गए.
कल रात उसने ख़्वाब में आकर कहा मुझे,
रिश्तें तो आपसे भी संभाले नहीं गए.
बरसों पुरानी बातों ने दिल को जकड़ लिया,
कुछ दोस्त जिंदगी से निकाले नहीं…
Added by मनोज अहसास on January 31, 2020 at 12:07am — 1 Comment
2122 2122 2122 212
महकते अल्फाज़ जैसे अब शरारे हो गए
वक़्त की गर्दिश में शामिल ख़त तुम्हारे हो गए
जिंदगी की उलझनों ने जेहन को घेरा है यूं
तेरी यादों के मरासिम खुद किनारे हो गए
शायरी, सिगरेट, तंबाकू ज़िन्दगी भर की तड़प
एक सहारा क्या गया कितने सारे हो गए
पहले एहसास ओ सुखन में इश्क थे कायम सभी
ओढ़कर जिस्मों को ही अब इश्क़ सारे हो गए
बागवां से जिंदगी का ये सबक सीखा हूं मैं
फूल खिल जाने पर…
Added by मनोज अहसास on January 29, 2020 at 9:00am — 1 Comment
2×15
अपने बीते कल के मुख पर काजल मलते देखा है,
एक ग़ज़ल कहने की खातिर खुद को जलते देखा है.
गफलत में जिन रास्तों पर चल लोगों ने मंज़िल पाई,
लाख संभलकर चल के उन पर खुद को फिसलते देखा है.
तेरे पास नहीं है मेरे एक सवाल का एक जवाब,
मैंने बात बात में तुझको बात बदलते देखा है.
कुछ भी देखके मेरे मन में आशा जीवित नहीं हुई,
सूरज को हर रोज तमस को चीर निकलते देखा है.
वक्त का चूहा कुतर गया है धीरे-धीरे याद…
ContinueAdded by मनोज अहसास on January 27, 2020 at 12:22am — 2 Comments
221 2121 1221 212
उस बेमिसाल दौर का दिल से मलाल कर
जब फैसले हो जाते थे सिक्का उछाल कर
तेरे ख्याल में हूं तू मेरा ख्याल कर
मैं तेरी जिंदगी हूं मेरी देखभाल कर
वो दे रहा है देर से पानी उबालकर
हँस हँस के पी रहे हैं सभी ढाल ढाल कर
उसमें कमी न ढूंढ न कोई सवाल कर
तू भी सलाम कर कोई जुमला उछाल कर
है तीरगी जो अपना मुकद्दर तो क्या हुआ
इल्मों अदब से सारे जहां में जलाल कर *
यह हादसा तो…
ContinueAdded by मनोज अहसास on January 22, 2020 at 12:04am — 5 Comments
मेरी आंखों में बीते कल के सरमाये की छाया है।
तुम्हें ख्वाबों में मैंने खत नया फिर लिखके भेजा है।।
(1)
लिखा है प्यार तुमको ढेर सारा सबसे पहले ही,
तुम्हारी खैरियत पूछी लिखी बातें मोहब्बत की।
फिर उसके बाद तुमको दिल का अपने हाल बतलाया,
लिखा है बिन तुम्हारे जिंदगी का दर्द गहराया।
बता सकता नहीं मैं जाने जां हालत तुम्हें अपनी,
ये जीवन यूं है जैसे पेड़ की लटकी हुई टहनी।
वो रिश्ते जिनकी खातिर तुमको खुद से दूर कर डाला,
उन्हीं सबने मेरे सीने का दर्पण…
Added by मनोज अहसास on January 20, 2020 at 10:18am — 2 Comments
2×15
तदबीर लगाकर कुछ सोचो तहरीरों से बहलाओ मत,
अपने वादे जब याद नहीं तो किस्से नए सुनाओ मत।
लालच पर आधारित निष्ठा दुख देगी निश्चित इक दिन,
झूठी कथा लक्कड़हारे की बच्चों को सिखलाओ मत।
जीना मुश्किल कर देंगे जब होगी इनकी सोच अलग,
सबसे गहरे मित्रों को भी दिल के राज बताओ मत।
सच्चा इतिहास न जाने क्या था न जाने हालात थे क्या,
सदियों पहली बातों पर अब घर में आग लगाओ मत।
तेरा वादा सबको रोटी देने का है ओ मालिक,
चार…
Added by मनोज अहसास on January 20, 2020 at 10:12am — 2 Comments
2×16
अशआर की आंखें खुलती है, जब सारा आलम सोता है।
मेरे कमरे में रात गए तंजीम का मौसम होता है।
तकदीर के हाथों सौंप दिया जब तूने मुझे महबूब मेरे,
मेरी हालत को सुनकर क्यों अब तन्हाई में रोता है।
खुशियों से गम का रिश्ता जग में ऐसा लगता है हमको,
कोई हाथों में रसगुल्लें देकर पीठ में कील चुभोता है।
मैंने तो सदा चाहा है यही इस गम को रिहा कर दूं खुद से,
हर और शिकारी बैठा है और ये पिंजरे का तोता है
उसकी मेहनत का फल…
ContinueAdded by मनोज अहसास on January 15, 2020 at 12:38am — 6 Comments
2122 2122 2122 212
सब हवाले कर दिया तुझको मसीहा जान कर,
अब कहाँ जायें बता गैरों को अपना मान कर।
मत करो उससे शिकायत अपने घाटे लाभ की,
जिसको तुमने सर चढ़ाया दिल की बातें मान कर।
तेरा उससे प्यार है औरों से नफरत की उपज,
बरसों के रिश्ते भी चल उसके लिए कुर्बान कर।
वक्त का पहिया है ये तो चलना इसका काम है,
आने वाले कल की खातिर आज की पहचान कर।
खुद को उसको सौंपकर निश्चित हुए बैठे हैं हम,
उसको बस इतनी…
Added by मनोज अहसास on January 12, 2020 at 11:00pm — 4 Comments
2×16
बेकार सताते हो खुद को बेकार तमाशा करते हो,
जो छुपकर तुमको देख रहा तुम उसको ढूंढा करते हो।
जब पास कोई तस्वीर नहीं, न उसका पता मालूम तुम्हें,
दर दर की ठोकर खाकर बस तकलीफ़ बढ़ाया करते हो।
मिल जाएगा वो है शक इसमें, खो जाओगे तुम ये मुमकिन है
सागर को पाने की जिद में क्यों झील का सौदा करते हो।
ऐसा तो कोई दस्तूर नहीं अजनबियों में कोई बात न हो,
तुमको ही पुकारा है मैंने,पीछे क्या देखा करते हो।
गर मांगने से…
ContinueAdded by मनोज अहसास on January 11, 2020 at 12:27am — 3 Comments
221 2121 1221 212
मंजिल भी थी, चराग भी थे ,हौसला न था ।
अब सबसे कह रहा हूं ,उधर रास्ता न था ।
यह किसकी दस्तरस में धुँआ है मेरी सहर,
कल शब तो इस मकां में दिया भी जला न था।
लेकर चला रकीब मुझे तेरी राह पर,
इक शख्स बस वही था जो मुझसे खफा न था।
मुद्दत के बाद भी तेरी तस्वीर दिल में है,
तेरा फरेब तेरे करम से बड़ा न था ।
उसके जवाब में थे कई उंगलियों के रंग,
लगता है उसने खत मेरा पूरा पढ़ा न था…
Added by मनोज अहसास on January 9, 2020 at 11:39pm — No Comments
12122×4
समझ नहीं आ रही है हमको ज़माने वाले तेरी पहेली,
शिकन से माथा भी भर दिया है लकीरों से जब भरी हथेली.
उदास बच्चे ने माँ के आंचल से अपनी आंखों को ढक लिया है,
गुज़र ही जाएगी रात काली जो चांद तारों की ओट लेली.
इक ऐसा गम है मैं जिससे यारों नजर चुरा के ही जी रहा हूँ,
ज़रा सा उसके करीब जाऊं बिखरने लगती है जां अकेली.
अजब है दुनिया का ये बगीचा ,अजब है इसका हठीला माली
तमाम…
ContinueAdded by मनोज अहसास on January 5, 2020 at 1:53am — No Comments
1222 1222 1222 1222
हमारे सारे मिसरे मुख्तलिफ अर्थों में लिपटे हैं,
तुझे अब याद भी करते हैं तो डर कर ही करते हैं.
बहुत मुमकिन है इसमें फिर तुम्हारा ज़िक्र आ जाए,
नज़र में आज लेकिन दर्द सब दुनिया जहां के हैं.
जरा सा ध्यान से आ जाते हैं छोटे से मिसरे में,
मुहब्बत के सभी अफसाने रेशम के दुपट्टे हैं.
कई खुदगर्ज मछुआरों ने कब्जा कर लिया उस पर,
वह दरिया जिसमें अपनी नेकियां हम डाल आते हैं.
जहाँ से…
ContinueAdded by मनोज अहसास on January 4, 2020 at 12:30am — 4 Comments
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