देख लोगो को रोते हुए
ज़ोर से लाश एक हँस पड़ी
जीते जी तो जीने दिया ना
गुस्से में वो बिफर पड़ी ||
खरी-खोटी मुझे रोज सुनाते
तनिक भी ना परवाह थी
दिल पे मेरी क्या गुजरती
घुट-घुट के मैं रोती थी ||
खुदा बक्शे अगर, जिंदगी
औकात दिखा दे अभी सभी
घड़ियाल से आँसू जो बहाते
असलियत आ जाए सामने अभी ||
भूल जायेंगें कुछ ही दिन में
याद ना आयें मेरी कभी
अच्छी-बुरी मेरी बातें कर
सहानुभूति…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on January 31, 2020 at 5:00pm — 2 Comments
संचालित कर दया करूणा, स्वार्थ पूर्ति का भाव नहीं
खुद को समर्पित तुझको कर दूँ,
इच्छाऐं मेरी खास नहीं ॥
डोली सजा तेरे दर पर आई, उगने वाली कोइ घास नहीं
हाथ उठाने की गलती ना करना,
नहीं सहुंगी वार कोई ॥
तेरे इशारों पर इत-उत डोलूँ, तूँ कोई सरकार नहीं
क्रोध करो मैं थर्र थर्र कांपू,
डरने वाली मैं नार नहीं ॥
तुम जालाओं शमां की महफिल, होके नशे में धुत कहीं
ढूँढ बहाने झूठ भी बोलो
इतना तुम पर ऐतबार…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on January 21, 2020 at 12:00pm — 2 Comments
ना मर्म का मेरे भान किसी को, लेकिन फिर भी जिंदा हूँ
ना औरत, ना पुरुष हूँ, कहने को मैं किन्नर हूँ|
सारा समाज धुत्कार मै खाती, जैसे समाज पे अभिशाप कोई
सोलह शृंगार कर हर दिन सजती, जैसे सुहागिन औरत हूँ |
मात-पिता भी कलंक समझते, बदनामी का उनकी कारण हूँ
दुख-दर्द भी ना कोई पूछता, जैसी उनकी ना मै कोई हूँ |
ना रोजी-रोटी का साधन कोई, मांग…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on January 15, 2020 at 11:56am — 3 Comments
अच्छा लगा तेरा प्रेम से मिलना
कुछ अपनी कही, कुछ मेरे सुनना
स्वार्थ से भरी इस दुनियाँ में
सभी के हित की बातें करना ||
वक़्त के संग में तेरा बदलना
हसमुखता को धारण करना
उड़ान भर खुली हवा में
सुंदर, ख्वाबो की माला बनुना ||
हौंसलों भर अपने उर में
भूल के बीती बात को आगे बढ़ना
याद आ जाए कोई भुला-बिसरा
झट से उसका हाल जानना ||
काम, क्रोध और…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on January 14, 2020 at 5:22pm — 4 Comments
भ्रम जाल ये कैसा फैला
खुद को खुद ही भूल चुका
ना वाणी पर संयम किसीका
उर में माया, द्वेष भरा |
कोह में अपना विनती भाव भुलाया
जो धैर्य भी से दूर हुआ
गरल इतना उर में भरा है कि
क्षमा, प्रेम करना ही भूल गया |
करुणा दया भी पास नहीं अब
पशुत्व के जैसा बन चुका
भलाई का दामन ओढ़ की जाने
पीठ पीछे चुरा घोप रहा |
आत्महित में अनेत्री बन गए जैसे
भयंकर बैर का…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on January 13, 2020 at 4:29pm — 4 Comments
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