पदोन्नति - ( लघुकथा ) –
"डॉ साहब, बाबूजी ठीक तो हो जायेंगे ना"!
"देखिये कुमार बाबू, ऐसे तो इन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं है मगर इनका मानसिक संतुलन बडी जल्दी जल्दी बिगडता है,उससे ब्लड प्रैसर तेज़ी से बढ जाता है! इससे लक़वा होने की संभावना रहती है!यदि इसमें सुधार नहीं हुआ तो मानसिक रुग्णालय भेजना पडेगा"!
"आपका मतलब पागलखाने"!
"जी हॉ, वैसे इनको यह दौरे कब से आते हैं"!
"बाबूजी सरकारी विभाग में अधीक्षक थे!बहुत मेहनत और ईमानदारी से कार्य करते थे!समय के पाबंद…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on February 17, 2016 at 11:14am — 14 Comments
चिडिया उड गयी - ( वैलेंटाइन डे पर विशेष ) – ( लघुकथा ) -
गोपाल के परिवार को तीन महीने हो गये थे नये मुहल्ले मेंआये हुए!उसके पडोस में एक सुंदर लडकी रहती थी!शायद कमला नाम था!उसकी मॉ सारे दिन कम्मो कम्मो चिल्लाती रहती थी क्योंकि उसका पैर घर के अंदर नहीं टिकता था!!कमला अधिकतर घर के दरवाज़े पर ,लॉन में,छत पर या झूले पर ही दिखती थी ! धूप हो या ना हो हर समय काला धूप का चश्मा लगाये रहती थी !
गोपाल जब भी उस तरफ़ देखता कुछ ना कुछ इशारे करती दिखती!कभी कभी उसके हाथ में कोई खतनुमा कागज़ भी…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on February 14, 2016 at 10:08pm — 8 Comments
चौकीदारी - ( लघुकथा ) –
"तिवारी जी,सुना है आप के तो दौनों बेटे बहुत बडे गज़टैड अफ़सर हैं!आप कैसे आ फ़ंसे यहां बृद्धाश्रम में"!
"सुनील जी, मैं तो यहां स्वेच्छा से आया हूं, बच्चे तो बहुत ज़िद करते हैं अपने साथ रखने की"!
"क्यों मज़ाक करते हो तिवारी जी,दिल बहलाने को सब यही कहते हैं, पर कौन अपना घर परिवार छोड कर यहां आता है"!
"यह मज़ाक नहीं,हक़ीक़त है"!
"फ़िर इसके पीछे कोई विशेष कारण रहा होगा"!
"ठीक सोचा आपने"!
"अगर ऐतराज़ ना हो तो वह कारण भी बता…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on February 14, 2016 at 10:56am — 12 Comments
कल का छोकरा – ( लघुकथा ) -
"दद्दू , जय हिन्द"!
फ़िर उसने दद्दू के पैर छू लिये!दद्दू राम सिंह ने अपना चश्मा उतारा ,साफ़ किया,फ़िर पहना!
"कौन है भाई,पहचान नहीं पाये"!
"दद्दू, हम अमर सिंह के बडे बेटे सूरज हैं"!
"ये फ़ौज़ी बर्दी किसकी पहन ली"!
"यह अपनी ही है दद्दू"!
"क्यों मज़ाक करते हो बेटा,फ़ौज़ की बर्दी इतनी आसानी से नहीं मिलती!इस गॉव में अभी तक केवल हम ही हैं ,रिटायर्ड सूबेदार मेजर राम सिंह, जो ये सम्मान पाये हैं"!
"दद्दू,आपको याद है,जब हमने…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on February 4, 2016 at 6:23pm — 23 Comments
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