212 212 212 212
कीजिये मत अभी रोशनी मुख़्तसर ।
आदमी कर न ले जिंदगी मुख़्तसर ।।
इश्क़ में आपको ठोकरें क्या लगीं ।
दफ़अतन हो गयी बेख़ुदी मुख़्तसर ।।
नौजवां भूख से टूटता सा मिला ।
देखिए हो गयी आशिक़ी मुख़्तसर ।।
गलतियां बारहा कर वो कहने लगे ।
क्यूँ हुई मुल्क़ में नौकरी मुख़्तसर ।।
कैसे कह दूं के समझेंगे जज़्बात को ।
जब वो करते नहीं बात ही मुख़्तसर ।।
सिर्फ शिक़वे गिले में सहर हो गयी…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on May 30, 2019 at 6:30pm — No Comments
2122 1122 22
आपने जुमलों में असर पैदा कर ।
कुछ तो जीने का हुनर पैदा कर ।।
दिल जलाने की अगर है ख्वाहिश ।
तू भी आंखों में शरर पैदा कर ।।
गर ज़रूरत है तुझे ख़िदमत की ।
मेरी बस्ती में नफ़र पैदा कर ।।
हर सदफ जिंदगी तो मांगेगी ।
इस तरह तू न गुहर पैदा कर ।।
देखता है वो तेरा जुल्मो सितम।
दिल में भगवान का डर पैदा कर ।।
अब तो सूरज से है तुझे खतरा…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on May 16, 2019 at 1:35pm — 4 Comments
2122 1212 22
फासले बेकरार करते हैं ।
और हम इतंजार करते हैं ।।
इक तबस्सुम को लोग जाने क्यूँ ।
क़ातिलों में सुमार करते हैं ।।
सिर्फ धोखा मिला ज़माने से ।
जब कभी ऐतबार करते हैं ।।
मैं तो इज्ज़त बचा के चलता हूँ ।
और वह तार तार करते हैं ।।
उम्र गुज़री है बस चुकाने में ।
आप जब भी उधार करते हैं।।
उनको गफ़लत हुई यही यारो…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on May 15, 2019 at 3:47pm — 2 Comments
2122 2122 212
जब लबों पर वह तराना आ गया ।
याद फिर गुजरा ज़माना आ गया ।।
शब के आने की हुई जैसे खबर ।
जुगनुओं को जगमगाना आ गया ।।
मैकदे को शुक्रिया कुछ तो कहो।
अब तुम्हें पीना पिलाना आ गया ।।
वस्ल की इक रात जो मांगी यहां ।
फिर तेरा लहजा पुराना आ गया ।।
छोड़ जाता मैं तेरी महफ़िल मगर ।
बीच मे ये दोस्ताना आ गया ।।
जब भी गुज़रे हैं गली से वो मेरे ।
फिर तो…
Added by Naveen Mani Tripathi on May 5, 2019 at 11:43pm — 3 Comments
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गुज़री है मेरे दिल पर क्या क्या अब हिज्र का आलम पूछ रहे ।।
मालूम तुम्हें जब गम है मेरा क्यूँ आंखों का पुरनम पूछ रहे ।।1
इक आग लगी है जब दिल में चहरे पे अजब सी बेचैनी ।
इकरारे मुहब्बत क्या होगी ये बात वो पैहम पूछ रहे ।।2
कुछ फ़र्ज़ अता कर दे जानां कुछ खास सवालातों पर अब ।
होठों पे तबस्सुम साथ लिए जो वस्ल का आगम पूछ रहे ।।3
हालात मुनासिब कौन कहे जलती है जमीं जलता भी है…
ContinueAdded by Naveen Mani Tripathi on May 3, 2019 at 12:30am — 3 Comments
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